Chitrakoot UP News | बालापुर की अनदेखी: 25 वर्षों से विकास से वंचित गांव

News Desk
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बालापुर की अनदेखी: 25 वर्षों से विकास से वंचित गांव
सड़कें टूटी, नालियां बंद, सुविधाएं नदारद—बालापुर की जनता परेशान
हर चुनाव में वादे, हर बार धोखा—गांववालों ने उठाई विकास की मांग
700 निषाद परिवारों का दर्द: कब मिलेगा मूलभूत सुविधाओं का अधिकार?
बालापुर की 6 गलियां आज भी कच्ची, जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं
जर्जर सड़कें और भ्रष्टाचार—गांववाले बोले, “हमें विकास चाहिए, बहाने नहीं!”
तीन प्रधान आए-गए, पर हालात जस के तस—बालापुर का सवाल बरकरार
25 वर्षों से उपेक्षित बालापुर: विकास की राह में रोड़े या साजिश?
ग्राम पंचायत अहिरी का मजरा बालापुर विकास से कोसों दूर

चित्रकूट, मऊ: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले की ग्राम पंचायत अहिरी का मजरा बालापुर एक ऐसी बस्ती बन चुकी है, जो विकास की दौड़ में शामिल तो है, मगर हर बार पीछे ही रह जाती है। यह गांव केवल 700 निषाद परिवारों का ठिकाना ही नहीं, बल्कि राजनीतिक लापरवाही का प्रतीक भी बन चुका है।

यहां के निवासी सालों से हर चुनाव में अपने वोट की ताकत दिखाते आए हैं, लेकिन जब बारी विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की आती है, तो यह गांव हाशिए पर धकेल दिया जाता है। न पक्की सड़कें, न जल निकासी की उचित व्यवस्था, और न ही मूलभूत सुविधाओं की मौजूदगी—यहां की जनता की उम्मीदें सिर्फ नेताओं के खोखले वादों में तब्दील होकर रह गई हैं।

कच्ची गलियों में फंसा विकास: 6 गलियों का हाल बेहाल

बालापुर में छह प्रमुख गलियां हैं, जो अभी भी पुराने ज़माने की संकरी, कच्ची और नालीविहीन हैं। बारिश हो या गर्मी, यहां के लोग अपने ही घरों के सामने गंदे पानी की झील जैसी स्थिति से गुजरने को मजबूर हैं। जल निकासी का कोई साधन न होने की वजह से घरों से निकलने वाला पानी इन्हीं संकरी गलियों में बहता है, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि 25 वर्षों से हर सरकार और हर जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन देने के लिए आता है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

सड़कें या टूटी हुई पगडंडियां? जनता की मजबूरी बनी मजबूर सफर

बालापुर और आसपास के मटियार मजरा में बनी सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत की तरफ से बनाई गई रोडें अब उखड़कर इतनी बदहाल हो गई हैं कि उन पर चलना जोखिम भरा हो गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्थिति के बावजूद जनप्रतिनिधि केवल चुनाव के समय यहां आते हैं और झूठे वादे कर चले जाते हैं।

“हमारे गांव से मऊ बाजार मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन यहां के खराब रास्ते हमें लंबा सफर तय करने के लिए मजबूर कर देते हैं।” – (गांव के निवासी)

लोगों को संदेह है कि रास्तों की मरम्मत के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है और भ्रष्टाचारियों ने इस बजट को हड़प लिया।

विकास की जगह ‘राजनीतिक तमाशा’! तीन प्रधान आए-गए, लेकिन हालात नहीं बदले

ग्राम पंचायत अहिरी में अब तक तीन प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन बालापुर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।

पूर्व प्रधानों पर आरोप
– अनिल द्विवेदी और शारदा प्रसाद के कार्यकाल में बालापुर को नजरअंदाज किया गया।
– वर्तमान प्रधान भी 4 वर्षों में कोई बड़ा काम नहीं कर पाए।

गांववालों का कहना है कि यहां अब तक कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ—न सड़क, न नाली, न आवास योजना का लाभ!

“अगर हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा, तो हम भी अपने वोट का सही इस्तेमाल करना सीखेंगे।” – (स्थानीय निवासी)

बारात घर तक नहीं, संकरी गलियों में होती हैं शादियां!

यहां के निवासियों के लिए शादी-विवाह भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है। बालापुर में अब तक एक भी बारात घर नहीं बनाया गया, जिससे यहां के लोग मजबूरी में अपनी बेटियों की शादी गांव के बाहर बगीचों में करने के लिए मजबूर होते हैं।

गंदगी से भरी संकरी गलियों में बहता गंदा पानी और बदहाल सड़कें किसी भी समारोह को मुश्किल बना देती हैं।

“हम चाहते हैं कि गांव में कम से कम एक बारात घर बने, ताकि शादी-विवाह की परेशानियों से हमें राहत मिल सके।” – (स्थानीय निवासी)

सभासद का आश्वासन: अब जनता की आवाज शासन तक पहुंचेगी!

इस गंभीर समस्या पर सभासद एवं समाजसेवी शिव भोले मिश्रा ने गांववालों को आश्वासन दिया है कि वे इस मुद्दे को शासन-प्रशासन तक पहुंचाएंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि बालापुर की जनता 25 वर्षों से मूलभूत योजनाओं से वंचित रही है और इसे बदलने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “अब यह मामला अनदेखा नहीं किया जाएगा। बालापुर को उसका अधिकार मिलेगा!”

गांववालों का अंतिम फैसला: ‘अगर विकास नहीं हुआ, तो वोट नहीं देंगे!’

बालापुर की जनता अब खुलकर यह कह रही है कि अगर इस बार भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे चुनाव में नेताओं को सबक सिखाएंगे।

गांववालों की मांगें:
पक्की सड़कें और जल निकासी की समुचित व्यवस्था
बारात घर का निर्माण
आवास योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ
सड़कों और गलियों की नियमित मरम्मत और रखरखाव

“हम अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में नहीं देख सकते। अगर सरकार हमें विकास नहीं देगी, तो हम भी अपनी वोट नीति बदल देंगे।” – (गांववासी)

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार और प्रशासन इस गांव की अनदेखी जारी रखेंगे, या फिर बालापुर को भी वह विकास मिलेगा, जिसका वह दशकों से हकदार है!

 

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