18विरार-वसई में राजनीतिक हलचल: BJP का संगठनात्मक विस्तार

Aanchalik Khabre
5 Min Read
BJP

 एक नई शुरुआत: 300 से अधिक BVA‑UBT पदाधिकारी BJP में शामिल

मुंबई स्थित भाजपा महाराष्ट्र प्रदेश कार्यालय (नरीमन पॉइंट) में हाल ही में एक भव्य प्रवेश समारोह आयोजित किया गया, जिसमें वसई‑विरार विधानसभा क्षेत्र के लगभग 300 से अधिक बहुजन विकास आघाड़ी (BVA) और शिवसेना(उद्धव गुट, UBT) से जुड़े प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए

। इस कार्यक्रम में पदाधिकारियों जैसे पूर्व जिला प्रमुख पंकज देशमुख, किशोर नाना पाटील, नितिन ठाकुर, निलेश भानुसे समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सदस्यता ली।

राजनीतिक पटल पर बदलाव: BVA और उद्धव‑गुट की दिलचस्पी

BVA, मसलन हितेंद्र ठाकुर ने 2024 विधानसभा चुनाव में सभी छह सीटों पर हार का सामना किया — वसई, नालासोपारा, बोईसर सहित सभी क्षेत्र BJP की मजबूत पकड़ में आ गए

। वहीं शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत अक्सर भाजपा के नेताओं के अंदरूनी गठजोड़ की बात करते रहे

। अब जब BVA और स्वयं उद्धव गुट से जुड़े नेता BJP में शामिल हो रहे हैं, तो यह मुआवजा बदलते राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा करता है।

 प्रवेश समारोह: BJP का मजबूत स्वागत

इस समर्पण समारोह में महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र दादा चव्हाण, वसई की विधायक स्नेहा दुबे पंडित और विधायक राजन नाइक उपस्थित रहे। सभी नवप्रवेशी कार्यकर्ताओं का पार्टी की ओर से दिल से स्वागत किया गया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष चव्हाण के नेतृत्व में भाजपा के राष्ट्रहित के एजेंडा पर पूर्ण भरोसा जताया।

 सियासी रणनीतियों की परिणति

विशेषतः महत्त्वपूर्ण नाम जैसे— पूर्व उप जिला प्रमुख किशोर नाना पाटील, पूर्व नगरसेवक नितिन ठाकुर, युवासेना तालुका अधिकारी सुनील मिश्रा, प्रकाश देवळेकर, वैभव म्हात्रे, योगेश भानुसे, संतोष घाग, आनंद पाटील, रवि ठाकुर, धनाजी पाटील, दीपक नारकर, धर्मेश गिरी एवं अन्य शामिल हुए। प्रमुख निदेशकों की तादाद दर्शाती है कि वसई‑विरार में भाजपा अब केवल वोट बैंक भर नहीं, बल्कि धरातलीय संगठनात्मक शक्ति भी विकसित कर रही है।

 मजबूत संगठन, निकट भविष्य की जीत

इस प्रवेश को वसई‑विरार महानगरपालिका चुनाव में BJP की जीत की दिशा में बड़ी ताकत माना जा रहा है। भाजपा ने इस गठजोड़ को पार्टी संरचना में नया व उत्साहजनक ऊर्जा स्रोत बताया। प्रज्ञा पाटिल जैसे नेताओं का नवनियुक्त जिला अध्यक्ष बनना इस रणनीति का हिस्सा है—जीने भाजपा पहली बार महिला को जिले का अध्यक्ष बना रही है टिका हुआ समर्थन जीत सुनिश्चित करेगा

BVA की राजनीतिक पृष्ठभूमि: एतिहासिक ताकत

BVA की स्थापना Hitendra Thakur ने 2009 में की, पहले Vasai Vikas Aghadi के नाम से काम करते थे। 2019 में MVA (महाविकास अघाड़ी) के साथ उनका गठजोड़ हुआ, लेकिन 2022‑23 की राजनीतिक उठापटक में उन्होंने BJP‑शिंदे गुट का साथ दिया

2024 विधानसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में कमजोर रहा—तीनों सीटों की हार ने संगठनात्मक कमजोरी को उजागर किया है

‘कैश‑फॉर‑वोट’ विवाद: क्या BVA BJP से टकराव से मुक्त है?

नालासोपारा में बीवीए ने भाजपा नेता विनोद तावड़े पर मतदाताओं को पैसा बांटने का आरोप लगाया। BVA MLA Kshitij Thakur ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग द्वारा पांच करोड़ रुपये से भरा बैग और डायरी बरामद की गई है, जिसमें लोगों के नाम और दिए गए राशियों की सूची थी। भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस विवाद ने आसपास की राजनीति को और उलझा दिया है

क्या यह असरदार रणनीति बनेगी?

भविष्य की राजनीति BJP‑BVA गठजोड़ पर निर्भर करेगी:

BJP क्षेत्र में जमीनी स्तर पर अपना संगठन मजबूत कर रही है।

दूसरी ओर, BVA की स्थानीय जमीन पर पकड़ शेष है, जहाँ Thakur परिवार की राजनीतिक विरासत गहरी है।

यह गठजोड़ वसई‑विरार की सत्ता‑संरचना को पुनः लिखने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

निष्कर्ष: गठबंधन से बनती सियासी कहानी

वसई‑विरार में BJP द्वारा BVA और उद्धव गुट के दर्जनों पदाधिकारियों को पार्टी में शामिल कराकर जो रणनीतिक विदरवर्तन किया गया है, वह स्पष्ट रूप से आगामी नगर निगम एवं विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर शक्ति प्रदर्शन है। संगठनात्मक नेटवर्क, स्थानीय प्रभाव और नए नेता—सब मिलकर BJP को इस क्षेत्र में एक प्रभावशाली राजनीतिक ताकत बना रहे हैं। जीत की राह में यह कदम शायद निर्णायक हो।

इस कहानी ने केवल एक घटना को ही नहीं बताया, बल्कि महाराष्ट्र की बदलती सियासत के रुझान, गठबंधन‑दिशा और जमीनी राजनीति के नए समीकरणों को हमारे सामने रखा है।

Share This Article
Leave a Comment