BYJU’S की कहानी: एक शिक्षक से अरबों की कंपनी और फिर संकट तक

Aanchalik Khabre
7 Min Read
BYJU’S

भारत में डिजिटल एजुकेशन का चेहरा बदलने वाली कंपनी BYJU’S एक समय में भारत का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा मूल्य वाला एजुकेशन स्टार्टअप था। लेकिन हाल ही में यह कंपनी भारी आर्थिक संकट, कानूनी विवादों, और छंटनियों के कारण सुर्खियों में रही है।

Contents
BYJU’S की शुरुआत: एक शिक्षक की दूरदर्शिता  प्रमुख बिंदु:सफलता का शिखर: कैसे BYJU’S बना एजुकेशन का यूनिकॉर्न  कुछ बड़ी उपलब्धियाँ:व्यापार मॉडल (Business Model)  कमाई के स्त्रोत:पतन की शुरुआत: कहां से बिगड़ी बात?1. अत्यधिक अधिग्रहण और कर्ज़2.  फाइनेंसियल मिसमैनेजमेंट3.  कर्मचारियों की छंटनी4.  ग्राहकों की शिकायतें और पारदर्शिता की कमी5.  निवेशकों का विश्वास डगमगाया कानूनी और सरकारी जांचBYJU’S की गलतियाँ – विश्लेषणवर्तमान स्थिति (2025 की जानकारी) भविष्य की संभावनाएंक्या BYJU’S वापसी कर सकता है?FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)Q1: BYJU’S की शुरुआत कब और किसने की थी?Q2: BYJU’S की सबसे बड़ी सफलता क्या रही?Q3: BYJU’S के गिरावट की वजह क्या थी?Q4: क्या BYJU’S बंद हो रहा है?Q5: क्या अब भी BYJU’S से कोर्स खरीदना सुरक्षित है? निष्कर्ष

इस लेख में हम जानेंगे:

  • BYJU’S की शुरुआत कैसे हुई?

  • इसके सफलता के प्रमुख कारण क्या थे?

  • इसका व्यापार मॉडल कैसा था?

  • इसका पतन क्यों शुरू हुआ?

  • अब कंपनी किस दौर से गुजर रही है?

BYJU’S की शुरुआत: एक शिक्षक की दूरदर्शिता

बायजू रविंद्रन, केरल के एक गणित शिक्षक थे। वे कैट (CAT) जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते थे और उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि छात्र हजारों की संख्या में उन्हें सुनने आते थे।

  प्रमुख बिंदु:

  • BYJU ने 2006 में पढ़ाना शुरू किया।

  • 2011 में उन्होंने Think & Learn Pvt. Ltd. की स्थापना की।

  • 2015 में BYJU’S ने अपना पहला मोबाइल ऐप लॉन्च किया।

  • इसका लक्ष्य था – स्कूल छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग

सफलता का शिखर: कैसे BYJU’S बना एजुकेशन का यूनिकॉर्न

  कुछ बड़ी उपलब्धियाँ:

  1. बढ़ती फंडिंग:

    • Sequoia, Chan Zuckerberg Initiative (Mark Zuckerberg), Tencent, और General Atlantic जैसी बड़ी कंपनियों ने निवेश किया।

    • 2019 में BYJU’S बन गया भारत का पहला एडटेक यूनिकॉर्न (₹1 अरब डॉलर से अधिक वैल्यू)।

  2. ब्रांडिंग और मार्केटिंग:

    • शाहरुख़ खान को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।

    • TV और ऑनलाइन पर लगातार विज्ञापन।

  3. बड़े अधिग्रहण (Acquisitions):

    • 2019: Osmo (US-based learning platform)

    • 2020: WhiteHat Jr (कोडिंग प्लेटफॉर्म) – ₹2,300 करोड़

    • 2021: Aakash Educational Services – ₹7,100 करोड़
      ➤ यह अधिग्रहण BYJU’S की सबसे बड़ी खरीद थी।

  4. कोविड-19 का फायदा:

    • महामारी के दौरान स्कूल बंद थे।

    • ऑनलाइन शिक्षा की मांग बढ़ गई।

    • BYJU’S के यूज़र्स की संख्या 10 करोड़ से अधिक हो गई।

व्यापार मॉडल (Business Model)

BYJU’S का व्यापार मॉडल फ्रीमियम पर आधारित था:

  • कुछ कंटेंट मुफ्त था।

  • Premium Content, Live Classes, Test Prep के लिए सब्सक्रिप्शन।

  कमाई के स्त्रोत:

  • Yearly Subscriptions (₹12,000–₹1,50,000 तक)

  • कोर्स पैकेज (Tablet + App)

  • Entrance Exam Coaching

  • International Markets (US, UK, Middle East)


पतन की शुरुआत: कहां से बिगड़ी बात?

1. अत्यधिक अधिग्रहण और कर्ज़

  • BYJU’S ने कई कंपनियों को भारी दामों में खरीदा।

  • फंडिंग का बड़ा हिस्सा acquisitions में चला गया।

  • WhiteHat Jr जैसे अधिग्रहण बाद में घाटे का सौदा साबित हुए।


2.  फाइनेंसियल मिसमैनेजमेंट

  • रिपोर्ट्स के अनुसार, BYJU’S ने अपनी फाइनेंस रिपोर्ट देरी से दी

  • 2022 में Deloitte ने ऑडिट छोड़ दिया।

  • भारी घाटे की खबरें सामने आने लगीं – 2021-22 में ₹4,588 करोड़ का घाटा


3.  कर्मचारियों की छंटनी

  • 2022–2024 के बीच BYJU’S ने 15,000+ कर्मचारियों की छंटनी की।

  • इसके पीछे तर्क दिया गया: “कॉस्ट कटिंग”


4.  ग्राहकों की शिकायतें और पारदर्शिता की कमी

  • कई अभिभावकों ने आरोप लगाए कि:

    • सेल्स टीम ने ज़बरदस्ती कोर्स बेचे।

    • EMI प्लान के बारे में जानकारी नहीं दी।

  • सोशल मीडिया पर लगातार नेगेटिव फीडबैक आने लगे।


5.  निवेशकों का विश्वास डगमगाया

  • बड़ी निवेशक कंपनियाँ जैसे Prosus और Peak XV ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।

  • कंपनी की वैल्यूएशन ₹22 अरब डॉलर से घटकर ₹2 अरब डॉलर तक आ गई।


 कानूनी और सरकारी जांच

  • भारत सरकार ने ED और अन्य जांच एजेंसियों के माध्यम से कंपनी की फंडिंग और टैक्स पर सवाल उठाए।

  • WhiteHat Jr के कंटेंट को लेकर भी कई विवाद हुए।

  • कर्मचारियों ने लेबर लॉ उल्लंघन की शिकायतें दर्ज कीं।


BYJU’S की गलतियाँ – विश्लेषण

गलती असर
अत्यधिक विस्तार फोकस बंट गया
अकाउंटिंग में पारदर्शिता की कमी निवेशकों का भरोसा हिला
आक्रामक सेल्स रणनीति ब्रांड छवि को नुकसान
अधिग्रहण के बाद इंटीग्रेशन की विफलता घाटे में बढ़ोत्तरी
फंडिंग पर निर्भरता सेल्फ-सस्टेनेबिलिटी कम हो गई

वर्तमान स्थिति (2025 की जानकारी)

  • कंपनी ने Aakash को अलग करने की योजना बनाई है।

  • कई ऑफिस बंद हो चुके हैं।

  • मार्केट में BYJU’S की साख और भरोसा काफी गिर गया है।

  • कंपनी का फोकस अब घाटा कम करने, फंडिंग बचाने, और core मॉडल पर लौटने की ओर है।


 भविष्य की संभावनाएं

क्या BYJU’S वापसी कर सकता है?

संभव है, यदि:

  • ट्रांसपेरेंसी बढ़ाई जाए

  • फंडिंग का सही उपयोग हो

  • सेल्स और मार्केटिंग रणनीतियाँ सुधारी जाएं

  • भारत के Tier-2/3 शहरों के लिए उचित मॉडल बने


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1: BYJU’S की शुरुआत कब और किसने की थी?

उत्तर: 2011 में बायजू रविंद्रन ने Think & Learn Pvt. Ltd. के रूप में इसकी शुरुआत की थी।


Q2: BYJU’S की सबसे बड़ी सफलता क्या रही?

उत्तर: 2020–2021 में BYJU’S भारत का सबसे बड़ा एडटेक ब्रांड बना, और इसकी वैल्यू ₹1.5 लाख करोड़ तक पहुंच गई थी।


Q3: BYJU’S के गिरावट की वजह क्या थी?

उत्तर: गलत फाइनेंशियल प्लानिंग, अधिग्रहण में घाटा, पारदर्शिता की कमी, और ग्राहकों से जुड़े विवाद इसके पतन के प्रमुख कारण बने।


Q4: क्या BYJU’S बंद हो रहा है?

उत्तर: नहीं, फिलहाल कंपनी बंद नहीं हुई है, लेकिन उसका आकार और प्रभाव पहले जैसा नहीं रहा।


Q5: क्या अब भी BYJU’S से कोर्स खरीदना सुरक्षित है?

उत्तर: कुछ कोर्सेस अभी भी उपयोगी हैं, लेकिन उपयोगकर्ता को पूरा Terms & Conditions पढ़कर ही निर्णय लेना चाहिए।


 निष्कर्ष

BYJU’S एक शानदार EdTech स्टार्टअप की प्रेरक कहानी रही है, जिसने भारत में डिजिटल शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाया। लेकिन व्यावसायिक निर्णयों की गलतियाँ, भारी फंडिंग पर निर्भरता, और पारदर्शिता की कमी ने इसे आज संकट के दौर में पहुंचा दिया है।

फिर भी, इस कहानी से भविष्य के उद्यमियों को कई सीखें मिलती हैं — कि तेजी से बढ़ना जरूरी है, लेकिन संतुलन और विश्वसनीयता उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

You Might Also Like – एमसीडी स्कूल का Surprise Inspection By Education Minister Atishi

Share This Article
Leave a Comment