Caste Census in India: केंद्र सरकार ने जाति जनगणना को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है। यह पहली बार होगा। जब सामान्य जनगणना में जाति को जोड़ा जाएगा। विपक्षी दलों की मांग पर केन्द्र सरकार ने पिछले महीने देश में जनगणना और जाति जनगणना को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था। तब सरकार ने कहा था कि मार्च 2027 में देशभर में जनगणना कराई जाएगी। वहीं केन्द्र सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में जाति जनगणना को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि भारत में जनगणना दी चरणों में कराई जाएगी। सरकार ने जनगणना अधिनियम 1948 जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया है। बता दें कि वैसे तो भारत में जनगणना हर दस साल में होती रही है। लेकिन कोविड 19 की वजह से 2021 में होने वाली जनगणना टाल दी गई थी। देश में पिछली बार जनगणना कांग्रेस सरकार में 2011 में हुई थी। बता दें कि साल 2011 में 121.019 करोड़ देश की आबादी थी। जिसमें 62.372 करोड़ पुरुष वा 58.646 करोड़ महिलाएं थी।
दो चरणों में कराई जाएगी जनगणना
केन्द्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत में जनगणना मार्च 2027 को पूरी कर ली जाएगी। देश के ज्यादातर राज्यों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात की तारीख को आधार माना जाएगा। जबकि पहाड़ी और बर्फीले राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख में एक अक्तूबर 2026 से जनगणना की शुरुआत होगी। इस संबंध में एक अक्टूबर की आधी रात 12 बजे तक रिकॉर्ड डेटा को ही आखिरी डेटा माना जाएगा। सरकार ने बताया कि देशभर में जनगणना के लिए लगभग 34 लाख कर्मचारियों की तैनाती की जायेगी। जनगणना में करीब 13 हजार करोड़ खर्च का अनुमान जताया जा रहा है।
जनगणना के साथ होगी जाति जनगणना
देश को लम्बे समय से जनगणना का इंतजार था। सरकार ने बताया कि जनगणना के साथ ही जाति जनगणना भी कराई जाएगी। ये आजादी के बाद पहली जाति जनगणना होगी। गृहमंत्री अमित शाह ने बीते रविवार को केंद्रीय गृह सचिव , भारत के रजिस्ट्रार जनरल,और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में तय हुआ कि जनगणना के साथ एनपीआर डेटा भी इकठ्ठा किया जाएगा। पहले चरण में हाउसलिस्टिंग
ऑपरेशन (एचएलओ) यानि प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण जुटाया जाएगा। इससे स्थित काफी साफ हो जाएगी। वहीं
दूसरे चरण में जनसंख्या गणना (पीई) जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति और प्रत्येक घर में प्रत्येक व्यक्ति का अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा। बता दें कि एनपीआर अपडेट करने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसके बारे में सरकार जल्द ही अपडेट करेगी।
जनगणना में लगेगा 21 महीने का समय
देश में पिछली बार जनगणना कांग्रेस सरकार में साल 2011 में हुई थी। इसे हर दस साल में कराया जाता है। लेकिन अब यह जनगणना लगभग 14 साल बाद होने जा रही है। जनगणना की पूरी प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक पूरी होगी। जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में ही जारी हो जाएगा। विस्तृत डेटा जारी होने में साल के आखिर तक का इंतजार करना पड़ेगा। जनगणना की पूरी प्रक्रिया 21 महीनों में पूरी होगी। एक मार्च 2027 की आधी रात तक देश की जनसंख्या, सामाजिक स्थिति का जो भी आंकड़ा होगा, वही रिकॉर्ड में दर्ज होगा। इसे आधार मानकर जनगणना के बाद सीटों का परिसीमन शुरू होगा।
बता दें कि वर्ष 2011 में जनगणना फार्म में कुल 29 कॉलम होते थे। इनमें नाम, पता, व्यवसाय, शिक्षा और रोजगार माइग्रेशन जैसे सवालों के साथ एससी, एसटी श्रेणी का रिकॉर्ड होता था। अब जाति के लिए अलग कॉलम जुड़ेगा। इसके अलावा नागरिकों से करीब तीन दर्जन सवाल पूछे जा सकते हैं। पूछा जाएगा कि क्या वे टेलीफोन या इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। कौन-कौन से वाहन हैं, कौन-कौन से अनाज खाते हैं। जलस्रोत क्या है, घर कैसा है। क्या परिवार का मुखिया महिला है और एससी या एसटी से संबंधित है
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