अमेरिका के यूटा राज्य की एक यूनिवर्सिटी में हुई गोलीबारी ने पूरे देश को हिला दिया है। इस हमले में प्रसिद्ध कंजरवेटिव कार्यकर्ता और राजनीतिक नेता चार्ली किर्क (Charlie Kirk) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल अमेरिकी राजनीति बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गहरी चिंता का विषय बन गई है। चार्ली किर्क पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रबल समर्थक और रिपब्लिकन विचारधारा के मजबूत पैरोकार माने जाते थे।
घटना कैसे हुई?
यह वारदात यूटा यूनिवर्सिटी परिसर में तब हुई जब चार्ली किर्क छात्रों को संबोधित करने पहुंचे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, एक हमलावर ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार्ली किर्क गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हमलावर को मौके पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
चार्ली किर्क कौन थे?
चार्ली किर्क अमेरिका की कंजरवेटिव राजनीति का जाना-पहचाना नाम थे। उन्होंने Turning Point USA नामक संगठन की स्थापना की थी, जो युवाओं को रिपब्लिकन विचारधारा से जोड़ने का कार्य करता है। वे हमेशा से डेमोक्रेटिक नीतियों के विरोध में खुलकर बोलते रहे और ट्रंप प्रशासन की नीतियों का समर्थन करते रहे।
उनकी लोकप्रियता खासकर युवाओं में काफी ज्यादा थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके लाखों फॉलोअर्स थे और वे अपनी धारदार विचारधारा के लिए जाने जाते थे।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि “चार्ली किर्क केवल एक राजनीतिक चेहरा नहीं थे, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा थे। उनकी हत्या अमेरिकी लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
ट्रंप के अलावा कई रिपब्लिकन नेताओं ने भी इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया और न्याय की मांग की।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
अमेरिकी मीडिया और राजनीतिक विश्लेषक लगातार सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है। चार्ली किर्क जैसी बड़ी राजनीतिक शख्सियत की मौजूदगी के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं थे?
यह घटना अमेरिका में गन कंट्रोल (हथियार नियंत्रण) पर चल रही बहस को एक बार फिर से तेज कर सकती है।
अमेरिका में बढ़ती राजनीतिक हिंसा
पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका में राजनीतिक हिंसा और गोलीबारी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर बढ़ती नफरत, ध्रुवीकरण और राजनीतिक मतभेद अब हिंसक रूप ले रहे हैं।
चार्ली किर्क की हत्या इस बात का प्रमाण है कि राजनीति से जुड़ी हस्तियों पर खतरा बढ़ता जा रहा है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
चार्ली किर्क की हत्या की खबर फैलते ही दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई देशों के नेताओं ने इस घटना को लोकतांत्रिक आवाज़ों पर हमला करार दिया। भारतीय राजनीतिक विश्लेषकों ने भी कहा कि यह घटना अमेरिका के अंदरूनी हालात की गंभीरता को दिखाती है।
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