चित्रकूट-मनरेगा में लाखो का फर्जी भुगतान-आंचलिक ख़बरें-प्रमोद मिश्रा

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उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत बोझ में मनरेगा के पैसों के फर्जी भुगतान के माध्यम से मलामाल हो रहे हैं प्रधान पति, ब्लाक कोआडिनेटर व सचिव हुए मालामाल ग्राम सभा बोझ के शंख राज यादव दिनेश कुमार अनिल कुमार व राजकुमार ने लिखित प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी चित्रकूट को दिया आवेदन में मनरेगा में फर्जी मजदूरों का फर्जी भुगतान लगभग साडे पांच लाख हुआ है जिसमें पात्रों का जॉब कार्ड ना बनाकर पात्रों को जैसे ग्रहणी जमीदार रिटायर मास्टर सरकारी व लिमिटेड कंपनी में बाहर काम करने वालों के नाम से मनरेगा में फर्जी भुगतान किया गया है आरटीआई के माध्यम से व वेबसाइट से इसका पता ग्राम बोस के युवा लड़कों व प्रतिपक्ष भूतपूर्व प्रधान देव मुनि का भतीजा डॉ चंद्रबली सचिव ग्राम के भ्रष्टाचार को उजागर करने में सहयोग किया है ग्राम पंचायत बोझ के कूप सफाई तथा कई योजनाओं के बजट में धांधली हुई जिलाधिकारी चित्रकूट श्री शेषमणि पांडेय कहते हैं कि ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्रीय व जिला स्तर में जो भ्रष्टाचार होगा सीएम योगी जी के तहत जीरो टॉलरेंस के तहत कार्यवाही जांच कराकर की जाएगी क्योंकि मनरेगा की लिस्ट में लगभग 93 लोगों के खाते में 5:30 लाख का भुगतान हुआ है जिसमें लगभग सभी लोग पात्र नहीं हैं कोई बड़ा जमीदार है तो कोई किसी के पास बंदूक है ट्रैक्टर है जमीदार ट्रक मालिक रोड पर अच्छा पक्का मकान बना है जैसे एक रिटायर मास्टर हैं पेंशनभोगी उनको भी फर्जी भुगतान किया गया इन सब चीजों का प्रमुख कारण अनपढ़ महिला प्रधान है ग्राम पंचायत भोज की ही निवासी सरिता देवी कुशवाहा जो मऊ ब्लाक कोऑर्डिनेटर है जो मनरेगा का आडिट काम करती है वह भी अपने पति और ससुर का फर्जी भुगतान किया है और जांच से बचने के लिए सरिता देवी ने रविवार को ब्लॉक के कंप्यूटर रूम में उसके पति और सरिता ने मनरेगा के कागजों के सुधार के लिए कार्य किया पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि सचिव 1 ग्राम पंचायत में 3 वर्ष से ज्यादा नहीं रह जाता रखा जाता लेकिन रामकुमार प्रजापति सचिव ग्राम भोज में पूरा 5 वर्ष बिताकर अच्छा भ्रष्टाचार किया और हमारे पूछने पर कहता है कि मेरा बार उखाड़ लो कुछ नहीं कर पाओगे क्योंकि हम ऊपर के अधिकारी को पैसा देकर भ्रष्टाचार करते हैं प्रधान पति भरोसा व सचिव की खूब बैठती है पूरा 5 साल बीत गया घोटालों का खेल चलता रहा क्योंकि सचिव प्रधान दोनों शराब का सेवन भी करते हैं ग्राम के ही भूत पूर्व प्रधान देव मुनि दो पंचवर्षीय कार्य किया था उनका भतीजा व ससुर केदार को कार्यकाल प्रधानी का लगभग पूरा बीतने के बाद भी आवास शौचालय नहीं मिला तब केदार ने लिखित शिकायत जिलाधिकारी से की है क्योंकि केदार कोल का कहना है कि प्रधान व सचिव मुझसे आवास व शौचालय में ₹10000 मांग रहे मैंने कई बार जनसुनवाई पोर्टल में भी शिकायत की पर प्रधान पति रामभरोस अपमानित करता है और आवास नहीं दे रहा तथा गांव में भावी प्रधान बोझ प्रतिपक्ष प्रधान रामभरोसा के सामने डॉ चंद्रभान लड़ने को तैयार है क्योंकि पिछली पंचवर्षीय में मेरे बड़े पापा देव मुनि दूसरे स्थान पर थे उनका देहांत होने के कारण लोग चंद्रबली को आगामी प्रधान गांव की जनता मान रही मनरेगा की जांचों के लिए जिलाधिकारी चित्रकूट से संबंधित अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट मांगी है आगे देखना है कि योगी जी जीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार बाली रणनीति जांच कराती है या फिर ब्लॉक सचिव व सविता कुशवाहा की मनसा कागज में खानापूर्ति करके पैसे देकर बचेंगे या फसेंगे जांच निष्पक्ष नहीं हुई तो ठीक है नहीं तो चंद्रबली सहित ग्रामीण हाईकोर्ट में इस मामले को ले जाकर दोषियों को सजा दिलाएंगे अंततः राज शंख राज यादव डॉ चंद्रबली को प्रधान से खतरा है इसलिए प्रशासन ग्राम कि भ्रष्टाचार की जांच कराकर सबको संतुष्ट करें।

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