चित्रकूट। जिले में जुलाई माह से लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाओं ने नागरिकों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। मानिकपुर क्षेत्र में हुई पुलिस-अपराधियों की मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी के घायल होने और दो चोरों के गोली लगने की घटना ने स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है। राजपुर थाना क्षेत्र के सगवारा गांव सहित विभिन्न स्थानों पर लाखों रुपये की चोरी की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
चोरी की प्रमुख घटनाएं और पुलिस की कार्रवाई
अब तक जिले में 30 से 35 चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें कर्वी स्थित पटेल परिवार के घर से लाखों रुपये की चोरी प्रमुख है। चनहट क्षेत्र में पुलिस ने कुछ चोरों को गिरफ्तार कर चोरी का माल बरामद भी किया है। अपराधी आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर नकदी, आभूषण, अनाज और यहां तक कि बर्तनों तक की चोरी कर रहे हैं।
अपराधियों की अंतर-राज्यीय गतिविधियां
चिंता का विषय यह है कि चोरी का माल लखनऊ, प्रयागराज, कौशांबी और मध्य प्रदेश जैसे पड़ोसी जिलों और राज्यों में ले जाया जा रहा है। इस अंतर-राज्यीय अपराध नेटवर्क ने पुलिस के लिए चुनौती पैदा कर दी है।
नागरिकों की मांग और सुझाव
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने चित्रकूट पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि जिले से बाहर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों—रीवा, प्रयागराज, कौशांबी, बांदा, सतना और फतेहपुर—पर 24 घंटे चेक पोट स्थापित किए जाएं। संदिग्ध वाहनों की सख्त जांच से न केवल चोरों को पकड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि चोरी के माल की बरामदगी भी संभव हो सकेगी।
सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता
नागरिकों का मानना है कि ऐसी सख्त सुरक्षा व्यवस्था से जहां एक ओर अपराधियों पर अंकुश लगेगा, वहीं दूसरी ओर आम जनता भी निश्चिंत होकर रह सकेगी। पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से ही जिले में सुरक्षा का माहौल बहाल किया जा सकता है।
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