चित्रकूट- भृष्टाचार की भेंट चढ़ा ग्राम पंचायत का विकास-आंचलिक ख़बरें-प्रमोद मिश्रा

Aanchalik Khabre
4 Min Read
maxresdefault 98

भ्रष्टाचार की महिमा से नहीं हो पा रहे विकसित ग्राम पंचायत राज के ग्राम ———–चित्रकूट के मऊ ब्लाक में कोनिया ग्राम सभा में ग्रामीणों द्वारा शिकायत व लिखित प्रमाण के आधार पर भ्रष्टाचार उन्मूलन के जिला महासचिव सूबेदार सिंह व चित्रकूट के जिला मीडिया सचिव देव नारायण पांडे ने ग्राम सभा कोनिया में भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा खेल खेला गया है यह अपनी रिपोर्ट में जारी करेंगे ग्राम के ही राम शंकर मिश्र ने बताया कि जब प्रथम में ग्राम पंचायत की बैठक हुई तो उसमें मुझे ग्राम पंचायत का सदस्य बनाया गया मैं वार्ड 7 से ग्राम पंचायत समिति का सदस्य बना तथा 6 महीने बाद मुझे निकाल कर के बिना मुझे बताएं दूसरे आदमी को मेरे जगह पर सदस्य बना दिया लेकिन मैं जब प्रथम में कार्यसमिति की बैठक हुई थी तो उसमें प्रधान व सदस्यों द्वारा यह प्रस्ताव पास हुआ कि कामता मिश्र के घर से सुसील पयासी के घर तक लगभग 200 मीटर की दूरी की सीसी रोड बनानी थी लेकिन आरसीसी रोड अधिकारियों सचिव प्रधान द्वारा कागज में ही पैसा निकाल लिया गया तथा जांच के डर के मारे एक नंदूली का पुरवा है जिसमें कहता है कि मैंने वहां रोड बनवा डाली है लेकिन वह भी मानक के हिसाब से दूरी के हिसाब से कम है अतः 1600000 रुपए का खेल व भ्रष्टाचार तो एक रोड में ही गांव प्रधान ने करवाया अत: राम शंकर मिश्र ने यह बताया बताया कि ग्राम पंचायत की बैठक में उसने मेरा फर्जी हस्ताक्षर करके और अन्य भी प्रस्ताव पास करा लिए क्योंकि मैं प्रधानी के चुनाव के बाद हरियाणा चला गया था और यह मुझे फोन करता तो मैं हर एक बैठक में आता लेकिन इसने मेरा फर्जी दस्तखत करके कार्य योजना बनाई इसलिए मैं इसके खिलाफ शासन में शिकायत करूंगा ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान पति सुदामा ग्राम सचिव कमलेश सिंह ने भूतपूर्व प्रधान मिठाई लाल के समय का कार्य अपने समय में दिखाकर पैसा निकाल लिया है तथा कार्य नहीं हुआ है पैसा निकल गया है तथा ग्राम के प्रधान व सचिव मिलकर के रिबोर का पैसा खा गए हैं क्योंकि 17 18 की स्कीम पर राम शंकर मिश्रा ने कहा पेयजल व्यवस्था में इसने ₹5000000 का पैसा खर्च किया है यह rtiकागज में दिखाया गया बाद में जांच टीम ने प्रधान पति सुदामा से पूछा कि क्या तुमने राम शंकर के झूठे हस्ताचर बनाकर के कार्य करवाए हैं तब प्रधान ने कहा कि बैठक तीन चार महीने में होती थी हम राम शंकर को फोन करके बुलाए हैं लेकिन उन्होंने यह कहकर नहीं आए कि मेरा बेटा जाएगा मैं पूजा पाठ में व्यस्त हूं तब मैंने मजबूरी में उनके एक दो बार हस्ताक्षर लड़के द्वारा बनवा कर अगले सदस्य को चुनवा लिया क्योंकि यह गलत था कि मैं उनका फर्जी दस्तखत कब तक बनाता रहूंगा मैंने ऊपर के अधिकारियों से पूछ कर के ऐसे सदस्य को निकाल कर के दूसरे सदस्य का चुनाव कर लिया

Share This Article
Leave a Comment