डीपीएल में आचार संहिता उल्लंघन पर नीतीश राणा और अन्य पांच खिलाड़ियों पर जुर्माना, मैच में हुई थी कहासुनी

Aanchalik Khabre
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Nitish Rana

दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) के एलिमिनेटर मैच के दौरान हुई विवादास्पद घटना के बाद पांच खिलाड़ियों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से प्रमुख खिलाड़ी नीतीश राणा भी शामिल हैं, जिन्हें आचार संहिता के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है। इस मैच के दौरान वेस्ट दिल्ली लायंस और दिल्ली सुपरस्टार्स के बीच कहासुनी हुई थी, जिससे स्थिति ने तूल पकड़ा और अब डीपीएल ने संबंधित खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया है।

विवाद का कारण:

यह घटना वेस्ट दिल्ली लायंस के बल्लेबाज कृष यादव और साउथ दिल्ली के कुछ खिलाड़ियों के बीच हुई कहासुनी से शुरू हुई। जब कृष यादव ने अमन भारती की गेंद पर शॉट खेला और अमनोल शर्मा ने उनका कैच लपका, तो यह विवाद बढ़ा। अमन ने जब आक्रामक तरीके से जश्न मनाया और कृष को कुछ कहा, तो कृष ने भी पलटकर जवाब दिया। इसके बाद साउथ दिल्ली के खिलाड़ी सुमित माथुर भी इस विवाद में कूद पड़े। स्थिति को संभालने के लिए नीतीश राणा और एक महिला अंपायर ने हस्तक्षेप किया और दोनों टीमों के खिलाड़ियों को अलग किया।

इसके बाद, नीतीश राणा और दिग्वेश राठी के बीच भी तीखी बहस हुई, जिससे विवाद और बढ़ गया।

जुर्माना और कार्रवाई:

डीपीएल ने इस पूरे विवाद की जांच की और दोषी पाए गए खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया है। वेस्ट दिल्ली के बल्लेबाज कृष यादव को सबसे कठोर सजा दी गई है। उन्हें मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया, क्योंकि उन्होंने विरोधी टीम के खिलाड़ी के लिए अपशब्द कहे और बल्ला तानने जैसी अभद्रता की।

दिग्वेश राठी पर भी 80 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया क्योंकि उन्होंने खेल भावना के विपरीत आचरण किया। वहीं, नीतीश राणा पर 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया, क्योंकि उन्होंने विरोधी टीम के खिलाड़ी के प्रति आक्रामक रवैया अपनाया और आपत्तिजनक इशारे किए।

इसके अतिरिक्त, अमन भारती पर 30 प्रतिशत जुर्माना और साउथ दिल्ली के सुमित माथुर पर भी 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया, क्योंकि उन्होंने भी आचार संहिता का उल्लंघन किया।

डीपीएल का बयान:

डीपीएल ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “इस तरह की घटनाएं खेल की मर्यादा को बिगाड़ देती हैं, और हम इस प्रकार के आचरण को लेकर गंभीर हैं। हमें उम्मीद है कि भविष्य में खिलाड़ियों का आचार संहिता का पालन करने के लिए यह एक उदाहरण बनेगा।”

डीपीएल के इस विवाद ने खिलाड़ियों के बीच अनुशासन की कमी को उजागर किया है, और यह साबित करता है कि खेल में प्रतिस्पर्धा जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण खेल भावना और सम्मान है। जुर्माने के बावजूद, यह घटना खेल की गरिमा को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और किसी भी प्रकार के विवाद से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

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