राजेश वैध ने कहा कि मंडियों में खरीद, उठान और पेमेंट की कोई तैयारी नहीं है, सड़कों पर उतरने के लिए किसान मजबूर हैं

MSP से कम रेट पर बिक रही फसल, धान पर 200 तो बाजरा पर 600 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा: राजेश वैध।
हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेट प्रो राजेश वैध ने निगदू मंडी में किसान व आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियो से मुलाक़ात करते हुए कहा कि प्रदेश की बीजेपी-जजपा सरकार किसान व आढ़ती को लगातार परेशान कर रही है।
किसानों की खून पसीने की कमाई मंडियो में खुले आसमान के नीचे पड़ी है लेकिन सरकार किसान की फसल नहीं खरीद रही है। वैध ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार का मकसद फसल की खरीद करना नहीं बल्कि किसानों को परेशान और बर्बाद करना है।
सरकार द्वारा ऐलान किए जाने के बावजूद मंडियों में धान और बाजरा की खरीद नहीं हो रही है। क्योंकि सरकार ने धान खरीद का ऐलान तो कर दिया लेकिन साथ में कई तरह की शर्तें थोप दी गईं। ऊपर से हमेशा की तरह खरीद शुरू होते ही पोर्टल ने काम करना बंद कर दिया। जिसकी वजह से जे-फॉर्म और ई-फॉर्म नहीं बन पा रहे।
मंडियों में फसल की आवक जोरों पर है और सरकार ने उठान का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया, मंडियों की तरफ जाने वालीं सड़कें पूरी तरह जाम हो चुकी हैं।

राजेश वैध ने कहा कि मंडियों में फसल की आवक जोरों पर है। अब तक उठान का सरकार ने कोई बंदोबस्त नहीं किया गया। नीलोखेड़ी, तरावडी, निगदू और निसिंग की और मंडियों की तरफ जाने वालीं सड़कें पूरी तरह जाम हो चुकी हैं। फसल उठान के लिए भी सरकार ने जीपीएस की नई शर्त लगा दी, जिनकी वजह से टेंडर लेने वालों को उठान में देरी का बहाना मिल गया है।
सरकार द्वारा मंडियों में खरीद, उठान और पेमेंट की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही। जानबूझकर किसानों को सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता राजेश वैद्य ने बताया कि मंडियों में करीब 20 लाख क्विंटल धान आ चुकी है लेकिन खरीद बमुश्किल 5 लाख क्विंटल की ही हुई है। यानी लगभग 15 लाख क्विंटल धान मंडियों में पड़ी हुई है। इसी तरह 3.50 लाख क्विंटल बाजरा मंडियों में आ चुका है लेकिन खरीद करीब 40 हजार क्विंटल की ही हुई है। सरकार द्वारा खरीद में की जा रही लेटलतीफी का लाभ प्राइवेट एजेंसियां उठा रही हैं।
मजबूरी में किसानों को एमएसपी से कम रेट पर फसल बेचनी पड़ रही है। उसे धान पर प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपए और बाजरे पर 500-600 रुपये का घाटा हो रहा है। वैध ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार से बार-बार जल्द खरीद शुरू करने की मांग की।
कांग्रेस द्वारा कहा गया कि वक्त रहते तमाम तैयारियां को पूरा किया जाए और पोर्टल के जंजाल को खत्म करके जल्द से जल्द खरीद, उठान और पेमेंट होनी चाहिए। लेकिन सरकार ने जानबूझकर इन मांगों को नजर अंदाज किया, जिसका खामियाजा प्रदेशभर के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
इस अवसर पर निगदू अनाज मंडी के प्रधान सुरेंद्र मेहला,कार्यकारिणी सदस्य लाला सुन्दर गुप्ता,जगदीश सांवत, सोहन लाल दुग्गल, श्रवण नम्बरदार, रामचंद्र, जोगिंदर राणा, जीत सिंह, एडवोकेट विश्वनाथ शर्मा,चौ नोरंग संधीर, नाथी राम सिंगर, जगदीश चंद्र, रमेश चौहान, दलजीत सिंह, मास्टर मेहरचंद समेत निगदू मंडी के सेंकड़ो किसान व आढ़ती शामिल रहे