त्यागी जी ने कहा माँ संसार की अनमोल धरोहर हैं जो जन्म लेने के पूर्व से ही संस्कार देना प्रारंभ कर देती है दुनिया का पहला स्वर्ग निर्माण धरती पर करने संकल्पित त्यागी जी ने बताया की बचपन से ही हमारे पिता ने हमें अच्छे विचारों से पोषित किया और सदैव ही ऊर्जावान बनाये रखा जिसके कारण हम आज राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ कर पा रहे हैं त्यागी जी की माता जी जिन्होंने अभी कुछ ही दिनो पूर्व फौजियों का पूजन कर समाज को दिशा दी एवं जीवित रहते हुए भी फौजी परिवार का सम्मान करना होगा स्वर्गीय श्रीमति मुन्नी देवी तिवारी (कृष्णा माता) जी पति स्वर्गीय श्री रामचरण तिवारी ने अपने जीते जी भी दान पुन्य किये और मृत्यु के बाद भी अपने जीवन काल में ही संकल्प लिये कि हमारी मृत्यु के बाद भी लोगो के काम आये, जिसमे वीरेन्द्र कुमार तिवारी (त्यागी जी)ने अपने पवित्र भावो से उसे पूरा किया और बताया कि हमारे पूरे परिवार ने अपना नेत्र दान अंग दान किया है साथ ही धर्म और राष्ट्र के लिए हमारा सर्वस्व न्योछावर है माता जी की हुई अचानक मृत्यु मे समूचे समाज के लोगो ने माता जी को अश्रु पूरित श्रधान्जली अर्पित की और कहा धन्य हुआ विलायत कला जैसा छोटा सा गांव 14 जनवरी को नेत्रदान, अंगदान,देहदान,रक्त दान करने वालों सहित सभी डाक्टरों का सम्मान करेंगे त्यागी जी जहाँ एक ही परिवार के दो लोगो ने नेत्र दान कर 4 लोगों को रोशनी प्रदान की और लोगो को प्रेरित भी किया। नेत्र दान के लिए। मुख्य सहयोगी के रूप में डाक्टर आशीष तिवारी जी सदगुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट,जिला चिकित्सालय प्रमुख डाक्टर यशवंत वर्मा, कर्म निष्ठ डाक्टर राज सिंह ,मुख्य नगर पालिक अधिकारी किशन सिंह ने नेत्र दान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका रही जो अन्य डाक्टरों के लिए भी मिशाल है परिवार एवं मित्र जनो सहित सभी को नमन किया कर्मयोगी प्रकृति पुत्र त्यागी जी ज्ञान तीर्थ धाम विलायत कला ।