श्रेष्ठ धर्म और श्रेष्ठ कर्म करने से स्वतः ही मोक्ष को होगी प्राप्ति-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

Aanchalik Khabre
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श्रेष्ठ धर्म और श्रेष्ठ कर्म करने से स्वतः ही मोक्ष को होगी प्राप्ति -ः विदुषी साध्वी डाॅ. विद्यापुरीजी उज्जैन
साध्वी श्री द्वारा एकादषी एवं गीता जयंती पर भगवान श्री कृष्ण एवं अर्जुन के जीवन के मार्मिक पलों का किया गया वर्णन
गीता पाठ की विश्राति पर पर किया जा रहा आरती-प्रसादी का आयोजन
श्री गौवर्धननाथ मंदिर यमुना महिला मंडल, जिला पतजंलि योग समिति एवं श्री नवदुर्गा महिला मंडल समिति ने साध्वी श्री का किया भावभरा अभिनदंन
झाबुआ। गीता जयंती समारोह समिति द्वारा 56वें गीता जयंती समारोह अंतर्गत शहर के नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन श्री दक्षिण मुखी महाकालिका माता मंदिर के समीप धर्मषाला के प्रथम तल पर 3 से 5 दिसंबर तक प्रतिदिन रात्रि 8 से 10 बजे तक समधुर संगीतमय प्रवचनों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उज्जैन से पधारी विदुषी साध्वी डॉ. विद्यापुरीजी के मुखारविन्द से तीन दिनो तक धर्म की अनवरत गंगा प्रवाहित हो रहीं है। इसके साथ ही तीन दिनों तक प्रतिदिन शाम 6.30 से 7.30 बजे तक श्री चारभुजानाथ मंदिर में विद्वान पं. श्री विश्वनाथजी शुक्ला के सानिध्य में गीताजी का पाठ भी जारी है। दोनो आयोजन में शहर के भक्तजन बड़ी संख्या में शामिल होकर लाभ ले रहे है।WhatsApp Image 2022 12 06 at 4.29.05 PM
कथा के प्रथम एवं द्वितीय दिन परम् विदुषी साध्वी डाॅ. विद्यापुरीजी ने गीताजी के 1 से 18वें तक के अध्याय का वर्णन करते हुए धर्म एवं कर्म की व्याख्या की। आपने बताया कि जीवन में धर्म एवं कर्म ही श्रेष्ठ है, जो व्यक्ति जीवन में श्रेष्ठ धर्म और श्रेष्ठ कर्म करता है, उसे स्वतः ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस सांसारिक एवं मोह मायावी दुनिया में हमे कभी भी अपना संतुलन एवं आपा नहीं खोना चाहिए। हमे अपने जीवन में सदैव श्रेष्ठ धर्म और श्रेष्ठ कर्म करते रहना चाहिए, ऐसा करने वाले भक्तजनों को ईष्वर स्वतः ही फल प्रदान करते है। आपने बताया कि आज पाप, अनाचार और दुराचार काफी बढ़ रहा है, इससे पार पाने का एकमात्र उपाय है सद्मार्ग और सद्-आचरण पर चलना।
जीवन में लक्ष्य और संकल्प होना बहुत जरूरी
आपने गीताजी पाठ में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के साथ बीताए जीवन के श्रेष्ठ पलों का मार्मिक वर्णन भी किया। साध्वी श्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण जगत के पालनहार है तो अर्जुन भी श्रेष्ठ धनुधर और यौद्धा थे। भगवान श्री कृष्ण के सानिध्य में अर्जुन में महाभारत के युद्ध में कौरवों को परास्त किया। उनका लक्ष्य तय था, सिर्फ जीत हासिल करना। इस तरह हमे भी अपने जीवन में लक्ष्य और संकल्प श्रेष्ठ रखना चाहिए, निष्चित ही हमे सफलता हासिल होगी। हमे अपने कर्मों को बलवान बनाना है और धर्म के मार्ग पर अनवरत चलता है। आपने अपनी दो दिवसीय कथा में गीताजी के अलग-अलग अध्यायों का वर्णन करते भक्तजनों को धार्मिक रसास्वादन करवाया।
यह प्रदान कर रहे विषेष सहयोग
दोनो दिन समापन पर आरती कर भक्तजनों का प्रसाद का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन गीता जयंती समारोह समिति के वरिष्ठ राधेष्याम परमार कर रहे है। वहीं सराहनीय सहयोग समिति से जुड़े सभी सेवाभावी एवं समर्पित सदस्यगण प्रदान कर रहे है। तीन दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने में विषेष सहयोग नवनीत कला मंडल, दषा नीमा समाज, जेकेआर ग्रुप, राठौर परिवार सहित अन्य भक्तजनों द्वारा भी प्रदान किया जा रहा है।
विभिन्न समितियों एवं संस्थाओं ने किया अभिनंदन
कथा पाठ के पहले एवं दूसरे दिन विश्रांति पर साध्वी श्री का श्री गौवर्धननाथ मंदिर यमुना महिला मंडल समिति, जिला पतंजलि योग समिति एवं श्री नवदुर्गा महिला मंडल समिति की ओर से आपका शाल-श्रीफल से अभिनंदन किया गया। 5 दिसंबर, सोमवार सुबह साधवी डाॅ. विद्यापुरीजी ने समीपस्थ पिपलखुंटा धाम पहुंचकर यहां विष्व मंगल सरकार के दर्षन लाभ भी लिए। साध्वीश्री समिति के वरिष्ठ सदस्य मनोज कुमार सोनी के निवास पर विराजमान है, जहां भी आपके दर्षन के लिए प्रतिदिन भक्तजन बड़ी संख्या में आ रहे है। वहीं कथा पाठ का भी बड़ी संख्या में महिला-पुरूष श्रद्धालुओं द्वारा लाभ लिया जा रहा है।

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