परिवहन विभाग के निर्देशों की अवहेलना
झुंझुनू।जिला मुख्यालय के मण्ड्रेला रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस पलट जाने से उसमें सवार दो बच्चे घायल हो गए।गनीमत यह रही कि उस समय बस में दो ही बच्चे स्कूल के लिए हो पाए थे सवार।वरना बड़ा हादसा घटित हो सकता था।जानकारी के अनुसार दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस सुबह बच्चों को लेने के लिए सोलाना गांव की तरफ गयी हुयी थी।सोलाना गांव से दो बच्चों को लेकर रवाना हुई जो कि भडौंदा गांव के पास ही पलट गयी।जिसमें बस में सवार सोलाना निवासी दोनो बच्चें दिव्य कक्षा 6 एवं खुश्वी कक्षा यूकेजी घायल हो गए।घटना लगभग 9 बजे के आसपास की है।वहीं स्कूल बस दो-तीन पलटी खाकर पलट गयी।घटना के बाद ड्राईवर मौके से फरार हो गया साथ ही दोनों घायल बच्चों को मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उनका उपचार किया गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को स्कूल वैन नियमित ड्राईवर की जगह उसका मामा चला रहा था।हादसे में घायल दोनों बच्चें भाई-बहन है, घायलों के पिता निलेश झाझड़िया ने बताया कि स्कूल वैन आज अन्य दिनों की अपेक्षा आज कुछ देरी से आई थी।नए ड्राईवर को देखकर उसको कहा भी था कहा कि बस को धीरे ले जाना लेट होगी तो प्रिंसिपल से मैं बात कर लूंगा,बच्चों के पिता ने बताया कि बस का ड्राईवर नशे में लग रहा था व बस को लापरवाही से चला रहा था।निलेश झाझड़िया ने बताया कि इससे पहले भी स्कूल बस की लापरवाही सामने आयी है।उन्होंने बताया कि 6 महिने पहले भी भडौंदा गांव में पावर हाउस के पास पलटी खा गयी थी।वहीं कभी स्टेयरिंग तो कभी अन्य खामिया उक्त बस में होने सहित अन्य समस्या उजागर होती रही है।जब इस बारे में स्कूल प्रशासन को अवगत करवाया तो उन्होंने कहा कि यह सामान्य घटना है जो गाडिय़ों में चलती रहती है।जिले के निजी स्कूलों द्वारा संचालित की जा रही बाल वाहिनियों में लापरवाही से हादसे की खबरे लगातार सुनने को मिलती रहती है।कई बसों में तो विद्यार्थियों को भेड़,बकरियों की तरह भरकर लेजाने के साथ अनाधिकृत जीप,टैंपो अन्य साधनों द्वारा भी नियमों को तिलांजलि देते हुए देखा जा सकता है।ये बसें परिवहन विभाग द्वारा गाइड लाइनों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाती प्रतीत होती है।जबकि परिवहन विभाग द्वारा 10 फरवरी को ही सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन किया गया है।ऐसे में महसूस किया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह महज खानापूर्ति बनकर रह गया है। वहीं निजी विद्यालय भी परिवहन विभाग के निर्देशों की अवहेलना करने में अव्वल दर्जे के माहिर हैं।परिवहन विभाग ने जिले की सभी स्कूलों को फॉर्मेट भेज कर इनकी दस्तावेजों की वैधता सहीत स्कूलों की बसों में सरकारी मापदंड के अनुरूप व्यवस्था होने की जानकारी मांगी थी।इस अभियान के अंतर्गत परिवहन विभाग के निरीक्षक झाबर सिंह 125 स्कूलों में तो व्यक्तिगत रूप से गए थे, तथा शेष को जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मेल भिजवाई गई।जिसका पुनरावर्ती पत्र भी भिजवाया गया,लेकिन जिले की महज 30/35 स्कूलों ने ही परिवहन विभाग को जानकारी भिजवाना मुनासिब समझा।अन्य स्कूलों ने परिवहन विभाग को डाक भेजने की भी आवश्यकता नहीं समझी। निजी शिक्षण संस्थाओं का परिवहन विभाग व सरकार द्वारा तय किये गए मापदंडों के प्रति इतना गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है तो वे अभिभावकों की सुझाव व शिकायतों को तवज्जों क्यों देंगे।