झुंझुनू।जिले के कस्बा सूरजगढ़ में मध्य प्रदेश के नीमच में सफल प्रयोग के बाद शेखावाटी के रेतीले धोरों में भी किसान की मेहनत से काला सोना लहलहा रहा है।सूरजगढ़ उपखंड के घरड़ु गांव के किसान लीलाधर व उसके भाई धर्मवीर ने अपने खेत में करीब दस बीघा खेत में काले गेहूं की बुवाई करके खेती में नवाचार किया है।किसान लीलाधर ने बताया वह पिछले चार पांच साल से अपने खेत में जैविक खेती कर रहा है पिछले साल उसके भाई रघुवीर ने उसको काले गेंहू की बुवाई के बारे में बताया तो उसने अबकी बार प्रयोग करके देखा जिसका परिणाम आशानुरूप रहा है।आज लीलाधर के खेत में काले गेंहू की फसल लहलहा रही है।काला गेहूं साधारण गेहूं की तुलना में स्वाद में थोड़ा अलग है लेकिन गुणों का भंडार है बाकी सिंचाई साधारण गेहूं जैसे होती है।
काला गेहूं पूर्णतया जैविक है
काले गेहूं की विशेषता है इसमें ना तो रासायनिक खाद का प्रयोग होता है और ना ही कीटनाशक यह पूर्णतया जैविक है जिसमें देशी खाद व जैविक कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है।किसान लीलाधर ने बताया कि भाई की प्रेरणा से उन्होनें नेशनल एग्री फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट मोहाली से बीज मंगवाकर अपने खेत में बोए जिसका अच्छा नतीजा आ रहा है।पिछले कई सालों से जैविक खेती करने के कारण उनका सम्पर्क इंस्टीट्यूट की कृषी वैज्ञानिक डॉ.मोनिका गर्ग से हुआ उन्होनें काले गेहूं की बुवाई के बारे में जानकारी दी।
काले व साधारण गेहूं में फर्क
डॉ.गर्ग के अनुसार यह गेहूं देखने में काला व बैंगनी रंग का होता है,लेकिन गुणों में साधारण गेहूं से कई गुना बेहतर है।उन्होनें बताया की साधारण गेहूं में एंथोसाईनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है जो काले गेहूं में 40 से 140 पीपीएम तक पाई जाती है जो एक नेचुरल व एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक है जो हार्ट,शुगर,कैंसर,बीपी,घुटनों के दर्द व एनीमिया जैसे गंभीर रोगों में फायदेमंद है।
किसान के लिए फायदेमंद सौदा
काले गेहूं की फसल एक फायदे का सौदा है संस्थान के अनुसार औषधीय गुणों से भरपुर होने के कारण बाजार में काले गेहूं की कीमत 150 से 200 रू.किलो तक है इसकी बुवाई से किसानों को जहां स्वास्थ्य की दृष्टी से लाभ होगा वहीं आर्थिक दृष्टी से भी किसान मजबूत होगा।