जिले में रेत माफिया खनिज विभाग की मिलीभगत से बड़ी मात्रा में ग्राम पंचायतों की रेत को महंगे दामों में यूपी में बेचा जा रहा हैं। जिसमें नेता,मंत्री व पुलिस विभाग मूकदर्शक बना है
लोगों को स्थानीय स्तर पर सस्ती दर पर रेत उपलब्ध कराने के लिए शासन ने रेत खनन नीति में बदलाव करते हुए ग्राम पंचायतों को रेत खदाने संचालित करने के लिए अधिकृत किया था। पंचायतों को रेत खदाने आवंटित होते ही रेत माफिया ने अपना कब्जा जमा लिया है। ग्राम पंचायत,रंपा,भुडकूड चौरा,जरहॉं,रैला,शीतुल,जरौधि,वदेवरी,सिंगरौलीया,कटौली, पिपराकुरंद व हर्रहवा व इनसे सटे रेत भंडारणकर्ताओं का पोर्टल बंद कर उर्ती, कांदोपानी, पिपराकुरंद, ओरगांई व हर्रहवा के रेत भंडरण में दो से तीन गुना अधिक स्टॉक व रेण नदी में अवैध रेत उत्खनन व लोडिंग करते हुए आठ सौ रुपए प्रति घनमीटर बिक्री किया जा रहा है।
खनिज व पुलिस की मिलीभगत से चल रहा कारोबार,
इस क्षेत्र में जो भी रेत भंडारण हुआ है। उसमें 90 प्रतिशत से अधिक रेत अवैध खदानों से निकाला गया है। भंडारणकर्ता उर्ती, पिपराकुरंद व कांदोपानी खदान की रायल्टी न दिखाकर दूर के पंचायतों से ऑनलाइन रायल्टी काटे गए हैं। जबकि रेत कांदोपानी, पिपराकुरंद से सटे रेण नदी से उठा रहे हैं। बताया गया है कि शासन की ओर से 125 रुपए प्रतिघन मीटर बालू का मूल्य निर्धारित किया गया है। लेकिन भंडारणकर्ताओं की ओर से आठ सौ रुपए प्रति घनमीटर की दर से रेत बिक्री किया जा रहा है।
खनिज विभाग के साथ तालमेल बनाकर रेत माफिया पिपराकुरंद, हर्रहवा, ओरगांई, उर्ती की रेत पर अपना कब्जा जमाकर गुर्गों के साथ यहां से रात-दिन रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन व डंप कर रहे हैं।
महकमा अनजान
खनिज अमला यहां पर संयुक्त रूप से कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। ग्राम पंचायत पिपराकुरंद, हर्रहवा, ओरगांई के आसपास रेत माफिया की तरफ से दर्जनों जगह अवैध रूप से रेत का भंडारण भी किया गया है।
यूपी भेजी जा रही रेत
अवैध रेत के भंडारणों से रात में मशीनों के माध्यम से डंपरों में रेत भरी जाती है और उसे यहां से यूपी भेज दिया जाता है। खनिज विभाग को जानकारी होने के बावजूद भी रेत का अवैध कारोबार कर रहे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है।