सारण जिले के दो संसदीय क्षेत्र के बीच करीब 35 वर्ष पहले बनी बांस की चचरी पुल आज तक पक्की नही बन सकी। जिससे मजबूरन स्कूली बच्चे खतरों के बीच बनी बांस की चचरी पुल पार कर स्कूल जाने को विवश है। जी हां मामला मढौरा प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र स्थित मोथाहा गण्डकी नदी के ऊपर बनी चचरी पुल का है। जहा मढौरा प्रखंड और बनियापुर प्रखंड के दर्जनों गावो सहित दूर दराज के हजारों राहगीरों का इस चचरी से प्रतिदिन आना जाना है बावजूद इसके आज तक इस चचरी पुल की जगह पक्का पुल निर्माण नही हो सका। स्थानीय लोगो की माने तो तकरीबन 35 वर्ष पूर्व मोथाहा फलहारी बाबा मठ के महंथ ने ही इस नदी पर नींव देकर चचरी बनवाया था। उसके बाद से लगातार जनप्रतिनिधियों से इस पर पुल बनवाने को लेकर ग्रामीणों ने उनसे आग्रह किया लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा इसकी पहल नही की गयी । जिसके बाद ग्रामीणों ने फिर 35 वर्ष बाद उसी फलहारी बाबा मठ में एक बैठक कर आपसी सहयोग से पक्का पुल बनाने का निर्णय लिया है।