‘नवीन फसलों और आधुनिक तकनीक के साथ-साथ किसानों में बाजार की समझ भी आवश्यक
‘‘पर्यावरण संरक्षणीय उन्नत कृषिगत तकनीक का उपयोग कर पोषण युक्त शुद्ध फसल उत्पादन मानव समृद्धि के लिए आवष्यक’’
‘‘कृषि उपज के बेहतर उत्पादन के साथ-साथ उपज की गुणवत्ता भी अपरिहार्य’’
‘‘फसलों का गुणवत्ता युक्त बेहतर उत्पादन के साथ-साथ विपणन कौषल भी जरूरी ; किसान समुदाय से आहृान’’
झाबुआ, 2 मार्च 2022। कलेक्टर जिला झाबुआ की अध्यक्षता में आधुनिक तकनीकी से खेती हेतु उन्नत कृषकों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन एवं बड़ी संख्या में उन्नत कृषक उपस्थित थे। मिश्रा ने किसानों को आशवस्थ किया की आपकी उपज को बेहतर दाम मिले इसके लिए हम सभी प्रयास करेंगे। एवं आपके खेत खलिहानों की उपज को देखने मैं स्वयं भी आउंगा। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हम कठिबद्ध है। बैठक में उप संचालक आत्मा परियोजना गौरी शंकर त्रिवेदी के द्वारा किसानों को नवीन तकनीकी से अवगत कराया एवं पीपीटी के माध्यम से कृषकों के लिए दी जा रही सुविधाओं को प्रदर्शीत किया। श्री गौरी शंरक ने बताया की तेजी से बदलते हुए वैष्विक परिदृष्य और बढ़ती हुई जनसंख्या के भार के बीच आम जन के लिए गुणवत्ता युक्त खाद्यान्न मुहैया करवाना एक चुनौती है। खेती किसानी अधिकतम उत्पादन लेने के साथ-साथ उपज की गुणवत्ता बनाये रखना भी अतिआवष्यक है। घातक रसायनों से मुक्त और पोषक तत्वों से युक्त शुद्ध अनाज, फल और शाक-सब्जी के सेवन से ही मनुष्य स्वयं को और आने वाली पीढ़ी के बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना साकार कर सकता है। उन्नत कृषिगत तकनीकों के साथ-साथ पारंपरिक बौद्धिक ज्ञान और जैविक खेती की विधाओं का युक्तियुक्त संयोजन करते हुए पौष्टिक खाद्यान्न उपल्बध करवाना कृषक समुदाय का ध्येय होना चाहिए। घातक रसायनों से प्रमाणित जैविक कृषि उत्पादों का आज के दौर में प्रतिस्पधी बाजर मुल्य किसानों को सुलभता से प्राप्त होने की भरपूर संभावनाएं है। पारंपरिक फसलों के साथ-साथ अच्छी आय देने वाली कई फसलों के विकल्प भी हमारे पास उपलब्ध है। नवीन फसलों की और प्रयोगधर्मिता के साथ पर्यावरण संरक्षणीय प्राकृतिक खेती से किसान समुदाय के सुदृढ़ आर्थिक विकास के नये आयाम खुलेंगे। जिले के कलेक्टर सोमेष मिश्रा ने कृषि विभाग अन्तर्गत संचालित आत्मा सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में उक्त उदगार व्यक्त करते हुए उपस्थित जिले के विभिन्न अंचलों से आमंत्रित किसानों और सदस्यों को अभिप्रेरित किया।
बैठक के दौरान कलेक्टर सोमेष मिश्रा ने बैठक के दौरान कृषिगत विभागों के अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा की जिले में खेती-किसानी के क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारी प्रयोग और फसलों के उत्पादन के साथ-साथ फसल उपज के सुगमता पूर्वक विक्रय के लिए भी ठोस नवाचारी प्रयास किये जायें। जिले में अष्वगंधा एवं हल्दी जैसी उगाई जा रही फसलों का किसानों को अच्छा दाम उपलब्ध करवाने के लिए कृषकों की फसल का एग्रीगेषन और जिले के बाहर बड़ी मण्डियों में परिवहन एव विपणन के लिए ठोस व्यवहारिक नियोजन किया जाना आवष्यक है। बैठक में उपस्थित कृषक प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि, खेती-किसानी में दिर्घकालिक टिकाऊ आय प्राप्त करने के लिए प्रसंस्करण और मुल्य संवर्धन की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। मौसमीय बदलाव, अनिष्चत जलवायवीय प्रस्थितियों और बाजार के घरेलु और वैष्विक परिदृष्य के आलोक में कृषक उत्पाद संगठनों की उत्पादन तथा अच्छे मुल्य पर विपणन में महत्वपुर्ण भूमिका है।