भिवंडी से उठी आवाज़: नवी मुंबई एयरपोर्ट का नामकरण डी.बी. पाटिल के नाम करने की मांग को लेकर भव्य कार रैली तैयार

Aanchalik Khabre
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नवी मुंबई

भिवंडी, १३ सितंबर २०२५

 नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण स्वर्गीय लोकनेता एवं समाज सुधारक डी.बी. पाटिल के नाम पर किए जाने की मांग को लेकर एक विशाल और अनुशासित कार रैली का आयोजन किया जा रहा है। भिवंडी लोकसभा के सांसद श्री सुरेश म्हात्रे (बाल्या मामा) ने एक प्रेस वार्ता में घोषणा की कि यह रैली रविवार सुबह ९ बजे मानकोली से प्रारंभ होगी और इसके नवी मुंबई स्थित जसाई गाँव तक पहुँचने का लक्ष्य है।

एक ऐतिहासिक आंदोलन की तैयारी

इस रैली में दो हज़ार से अधिक वाहनों के एक विशाल काफिले के शामिल होने की उम्मीद है, जो इस मांग के प्रति समाज के गहरे जुड़ाव और एकजुटता को प्रदर्शित करेगा। सांसद म्हात्रे ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अनुशासित रहेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि इस ऐतिहासिक न्यायोचित मांग पर केंद्र सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया गया, तो यह संग्राम और तीव्र हो सकता है।

डी.बी. पाटिल: एक राष्ट्रीय विरासत

श्री म्हात्रे ने प्रेस वार्ता के दौरान डी.बी. पाटिल के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाटिल सिर्फ एक क्षेत्रीय नेता नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चिंतक और महान समाज सुधारक थे, जिनका कार्य आगरी, कोली और सभी भूमिपुत्र समुदायों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक संकीर्ण राजनीतिक दृष्टिकोण ने उनकी इस विरासत को केवल ठाणे और रायगढ़ जिलों तक सीमित करने का प्रयास किया है, जबकि उनका प्रभाव और योगदान इससे कहीं अधिक व्यापक था।

रैली मार्ग और कार्यक्रम

कार रैली का विस्तृत मार्ग इस प्रकार तय किया गया है:
मानकोली मोथागांव रोड से प्रारंभ होकर, यह रैली खारेगांव, कलवा, विटावा, दीघा, ऐरोली नाका, रबाले, घनसोली, कोपरी गांव, पाम बीच रोड, सानपाड़ा, नेरुल, करावे, नवी मुंबई नगर निगम मुख्यालय सर्कल, दावी से होती हुई रेतीबंदर, उरण, एयरपोर्ट रेतीबंदर गेट, चिंचपाड़ा, और परगांव ओवले से गुजरते हुए अंतिम पड़ाव जसाई पहुंचेगी। जसाई पहुंचकर यह विशाल जनसमूह स्वर्गीय डी.बा. पाटिल के सम्मान में एक अभिनंदन सभा का आयोजन करेगा और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगा।

एक स्पष्ट संदेश

यह कार रैली सरकार के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भूमिपुत्र समुदाय अपनी मांगों को लेकर गंभीर और एकजुट है। यह केवल एक हवाई अड्डे के नामकरण का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व को वह राष्ट्रीय सम्मान दिलाने का प्रयास है, जिसके वे हकदार हैं। सांसद म्हात्रे का यह बयान कि “न्याय न मिलने तक यह संग्राम जारी रहेगा”, समुदाय की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है और सरकार से एक त्वरित और सकारात्मक निर्णय की मांग करता है।

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