दिल्ली-एनसीआर में बारिश का कहर: एक शहर, एक हादसा और कई सवाल

Aanchalik Khabre
4 Min Read

बारिश अपने आप में एक खूबसूरत अनुभव होता है। बूंदों की ठंडक, मिट्टी की सोंधी खुशबू और हल्की ठंडी हवा किसी की भी थकान मिटा सकती है। लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बीती रात और सुबह हुई मूसलाधार बारिश लोगों के लिए सिर्फ राहत नहीं, कई के लिए आफत बनकर आई। 14 अगस्त की सुबह राजधानी के कई इलाकों में जबरदस्त बारिश हुई, लेकिन इसके साथ जो हुआ उसने सबको हिला कर रख दिया।

तेज बारिश के साथ आई मौत

कालकाजी इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक बड़ा पेड़ अचानक सड़क पर गिर पड़ा, और दुर्भाग्यवश उस वक़्त एक बाइक सवार उसी रास्ते से गुजर रहा था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा CCTV में कैद हो गया और कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या हम मौसम के मिजाज़ के लिए कभी तैयार भी होते हैं या हर बार ऐसे ही किसी की जान जाती रहेगी?

Tej Barish

बारिश कहां-कहां कहर बनकर टूटी

लाजपत नगर, आर.के.पुरम, लोधी रोड, दिल्ली-हरियाणा सीमा, निज़ामुद्दीन, विजय चौक, मिंटो ब्रिज जैसे कई इलाके इस बारिश की चपेट में आए। कुछ जगहों पर पानी इतना भर गया कि गाड़ियां फंस गईं, लोग घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहे और कई इलाकों में तो पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। गुरुग्राम में भी हाल कुछ अलग नहीं रहा। सुबह की बारिश ने एक ओर गर्मी से राहत दी, लेकिन दूसरी ओर जलभराव की समस्या पैदा कर दी। लोग ऑफिस जाने के लिए संघर्ष करते रहे, बसें देरी से चलीं और कई स्कूली बच्चों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मौसम विभाग ने पहले ही चेताया था

भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि स्वतंत्रता दिवस के आसपास दिल्ली में बारिश होगी। विभाग के मुताबिक 16 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। दिन का तापमान 33 डिग्री के आसपास और रात का 25 डिग्री के आसपास रहेगा। हालांकि बारिश ने गर्मी से राहत दी है, पर यह राहत तब तक ही सुकून देती है जब तक वह हमारी जान या जीवनशैली को प्रभावित न करे।

हादसे के बाद शुरू हुई राजनीति

हर बड़े हादसे के बाद जैसा अक्सर होता है, इस बार भी राजनीति का घमासान शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश वर्मा के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की ‘चार इंजन सरकार’ की विफलता है। सवाल यह है कि अगर मौसम विभाग पहले ही बारिश की चेतावनी दे चुका था तो संबंधित विभागों ने पेड़ों की छंटाई, जल निकासी और सड़क सुरक्षा जैसे जरूरी काम क्यों नहीं किए?

हर साल वही कहानी क्यों दोहराई जाती है?

हर साल बारिश आती है, हर साल दिल्ली डूबती है, और हर बार कुछ जानें चली जाती हैं। फिर भी न नालों की समय पर सफाई होती है, न ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किया जाता है। ऐसा लगता है जैसे सिस्टम को तब तक झटका नहीं लगता जब तक कोई हादसा न हो जाए। पर जब हादसा हो जाता है तो कुछ बयान, कुछ इस्तीफे की मांगें और फिर वही पुरानी रफ्तार।

Share This Article
Leave a Comment