देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर दिल दहलाने वाली घटना की गवाह बनी, जब मामूली से पार्किंग विवाद ने जानलेवा मोड़ ले लिया। बॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई आसिफ कुरैशी की गुरुवार रात को निजामुद्दीन इलाके में हत्या कर दी गई। इस दर्दनाक घटना की CCTV फुटेज भी सामने आ चुकी है, जिसमें उनके ऊपर हुआ हमला और पत्नी की बेबस कोशिशें साफ दिखाई देती हैं।
घटना का सिलसिला
गुरुवार की रात करीब 10:30 बजे आसिफ कुरैशी, जो पेशे से एक कपड़ा व्यापारी थे, अपने घर लौटे थे। जैसे ही उन्होंने देखा कि उनके घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर दो स्कूटर खड़े हैं, उन्होंने पड़ोसियों से इन्हें हटाने को कहा। पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी थीं, पर इस बार बात बढ़ती चली गई।
विवाद ने देखते ही देखते खतरनाक रूप ले लिया। आस-पास रहने वाले दो युवक—गौतम (18) और उज्ज्वल (19)—ने बहस के बाद आसिफ पर हमला बोल दिया। CCTV फुटेज में देखा गया कि आसिफ को पहले दोनों ने जमीन पर गिराया और फिर गौतम ने एक नुकीले हथियार (आशंका अनुसार ice-pick) से उनके सीने और पेट पर कई वार किए।
पत्नी सैनाज़ कुरैशी ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने किसी की एक न सुनी। हमले के तुरंत बाद स्थानीय लोग और परिजन उन्हें अस्पताल लेकर भागे, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आरोपी कौन हैं?
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि दोनों आरोपी भाई हैं।
- गौतम, नशे का आदी है और पहले भी कई बार स्थानीय झगड़ों में लिप्त रहा है।
- उज्ज्वल, धार्मिक आयोजनों में ढोलक बजाने का काम करता है।
इनकी मां वर्षों पहले घर छोड़ चुकी हैं और पिता द्वारा अकेले पाले गए हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि इनका उदासीन और उग्र व्यवहार पहले से समस्या बना हुआ था।
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी धाराएँ
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त हथियार भी जब्त कर लिया गया है।
मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 34 (साझा मंशा) और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) ने मीडिया को बताया कि:
“हमारे पास स्पष्ट CCTV फुटेज है जो घटना की पुष्टि करता है। यह एक सुनियोजित हमला नहीं था, लेकिन गुस्से और हिंसा की चरम परिणति थी। आगे की पूछताछ जारी है।”
आसिफ कुरैशी: एक आम इंसान, एक अनचाही मौत
आसिफ कुरैशी एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनका व्यापार गांधी नगर में था, और वह अक्सर शाम को देर से घर लौटते थे। जान-पहचान वालों के अनुसार वे बेहद सौम्य स्वभाव के थे, विवाद से दूर रहते थे।
उनकी पत्नी सैनाज़ ने पुलिस को बताया कि:
“यह पहली बार नहीं था जब इन पड़ोसियों ने झगड़ा किया। पहले भी गालियाँ दी थीं, लेकिन हम हर बार बात को नजरअंदाज कर देते थे। इस बार आसिफ ने सिर्फ गाड़ी हटाने को कहा था।”
सामाजिक चिंता: पार्किंग विवाद या मानसिकता की गिरावट?
इस घटना ने फिर एक बार शहरी क्षेत्रों में बढ़ती असहिष्णुता को उजागर कर दिया है। पार्किंग की समस्या अब सिर्फ एक सुविधा की नहीं, बल्कि लोगों के गुस्से, अधिकार की भावना और कानून के प्रति उदासीनता का प्रतीक बन चुकी है।
सामाजिक विश्लेषक डॉ. निधि शर्मा कहती हैं:
“दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जहां लोगों के पास खुद का निजी स्थान नहीं होता, वहां असहमति छोटी बात से शुरू होकर जानलेवा बन सकती है। यह सिर्फ पार्किंग की समस्या नहीं, सामाजिक अवसाद और टूटते पड़ोस की मानसिकता है।”
बॉलीवुड से शोक संदेश
इस हत्या के बाद बॉलीवुड से भी प्रतिक्रियाएं आईं।
हुमा कुरैशी, जो इस समय एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं, ने इंस्टाग्राम पर अपने भाई को याद करते हुए लिखा:
“आसिफ सिर्फ मेरे भाई नहीं, मेरे पहले फैन थे। हमें इंसाफ चाहिए और जल्दी चाहिए।”
अनुराग कश्यप, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी समेत कई कलाकारों ने घटना पर शोक जताया और कड़ी सजा की मांग की।
प्रमुख तथ्य (सारांश तालिका)
विवरण | जानकारी |
पीड़ित का नाम | आसिफ कुरैशी (42 वर्ष) |
संबंध | बॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई |
घटना का कारण | पार्किंग स्थल पर विवाद (स्कूटर हटाने की बात) |
आरोपी | उज्ज्वल (19) एवं गौतम (18), पड़ोसी |
हत्या में प्रयुक्त हथियार | नुकीली वस्तु (ice-pick या पॉकर) |
पत्नी की प्रतिक्रिया | बीच-बचाव की कोशिश, CCTV में कैद |
पुलिस कार्रवाई | गिरफ्तारी, हथियार जब्त, धारा 302 के तहत केस |
मामला दर्ज | जंगपुरा थाना, निजामुद्दीन क्षेत्र, दिल्ली |
सामाजिक संदेश | शहरी तनाव, पड़ोसी विवाद और कानून की ढिलाई पर चिंता |
निष्कर्ष
आसिफ कुरैशी की मौत एक त्रासदी है—एक ऐसी घटना जो ना केवल एक परिवार को तोड़ गई, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि हम किस समाज की ओर बढ़ रहे हैं। क्या अब “गाड़ी हटाओ” जैसे शब्द किसी की जान लेने का कारण बन सकते हैं?
इस तरह की घटनाएं सख्त कानून, सामाजिक जागरूकता और पड़ोसी व्यवहार में सुधार की मांग करती हैं। वरना कल यह किसी और के साथ हो सकता है — शायद हमारे साथ।
Also Read This – तक्षकेश्वरनाथ मंदिर : प्रयागराज का रहस्यमयी नाग तीर्थ