दिल्ली में श्रमिक-संवाद अभियान: असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जागरूक किया गया

Aanchalik Khabre
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श्रमिक-संवाद

नई दिल्ली, आंचलिक खबरें, भागीरथ सिन्हा – दिल्ली में निर्माण मजदूर अधिकार अभियान और एक्शन ऐड कर्नाटक प्रोजेक्ट के संयुक्त तत्वाधान में चलाए जा रहे श्रमिक-संवाद अभियान के तहत सागरपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में लगभग 30 असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने भाग लिया, जिसमें विशेष रूप से कूड़ा बीनने वाले (वेस्ट पिकर्स) और निर्माण मजदूर शामिल थे।


बैठक का उद्देश्य और महत्व

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के क्रियान्वयन और उससे जुड़े नियमों की जानकारी श्रमिकों तक पहुँचाना था। दिल्ली सरकार के श्रम विभाग द्वारा तैयार किए गए मसौदा नियमों पर विस्तार से चर्चा की गई और श्रमिकों से सुझाव लिए गए। इस पहल का मकसद था कि असंगठित क्षेत्र के मजदूर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे प्राप्त कर सकें।

अभियान के दौरान थानेश्वर दयाल आदिगौड़ और पंकज कुमार सिंह ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए सामाजिक सुरक्षा संहिता की जटिलताओं को सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे इस कानून के तहत श्रमिक बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाओं और मजदूरी संरक्षण जैसे अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।


श्रमिकों के अनुभव और उनकी भागीदारी

बैठक में शामिल श्रमिकों ने सक्रिय रूप से अपनी समस्याओं और सुझावों को साझा किया। विशेष रूप से कूड़ा बीनने वाले और निर्माण मजदूरों ने बताया कि उन्हें अक्सर उनके अधिकारों की जानकारी नहीं होती, और कई बार वे न्याय और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित रह जाते हैं

अभियान के आयोजकों ने श्रमिकों का सम्मान भी किया, जिससे उनकी सकारात्मक भागीदारी और आत्म-सम्मान बढ़ा। इस तरह के संवाद कार्यक्रम न केवल श्रमिकों को जागरूक करते हैं, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में भी मददगार साबित होते हैं।


सरकारी नियमों और भविष्य की योजनाएं

दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के लिए नियमों को सरल और लागू करने योग्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किया है। यह अभियान न केवल कानूनी जागरूकता बढ़ाता है बल्कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

भविष्य में, इस तरह के संवाद अभियान अधिक श्रमिकों तक पहुँच बनाने, उनके अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में सहायक होंगे।

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