नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025
राजधानी दिल्ली और एनसीआर (नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद) में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक सीमा से ऊपर पहुँच चुका है और कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज़ कर दिए हैं, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है।
यमुना का जलस्तर ऐतिहासिक स्तर पर
गुरुवार सुबह तक यमुना नदी का स्तर 207.48 मीटर पर पहुँच गया, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पिछले छह दशकों में तीसरा सबसे ऊँचा जलस्तर है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी ने नदी के बहाव को और तेज़ कर दिया है।
नतीजा यह हुआ कि यमुना के किनारे बसे इलाकों में पानी तेजी से भर गया। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा। अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला जा चुका है।
सिविल लाइन्स और सचिवालय तक पहुँचा पानी
दिल्ली का पॉश इलाका सिविल लाइन्स, जो मुख्यमंत्री आवास और कई महत्वपूर्ण इमारतों के लिए जाना जाता है, इस बार बाढ़ की चपेट में आ गया है। कई गाड़ियों के आधे हिस्से पानी में डूब गए हैं और घरों में घुटनों तक पानी भर गया है।
यहाँ तक कि दिल्ली सचिवालय के गेट तक यमुना का पानी पहुँच गया। प्रशासन ने रेत की बोरियों से अस्थायी दीवार बनाकर पानी को रोकने की कोशिश की है।
ट्रैफिक और आम लोगों की मुश्किलें
भारी जलभराव के कारण दिल्ली और एनसीआर की सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित है।
- आईटीओ, कश्मीरी गेट, रिंग रोड और मयूर विहार जैसे इलाकों में पानी भर गया है।
- गुरुग्राम के सोहना रोड और गोल्फ कोर्स रोड पर घंटों लंबा ट्रैफिक जाम लगा।
- कई यात्रियों को गाड़ियों से उतरकर पानी में पैदल सफर करना पड़ा।
- निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार रोक दिए गए क्योंकि नदी का पानी घाट के ऊपर तक पहुँच गया।
मेट्रो स्टेशन और बस स्टैंड के बाहर भी जलभराव ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है।
स्कूल बंद और वर्क फ्रॉम होम की सलाह
गुरुग्राम प्रशासन ने हालात को देखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
दिल्ली और नोएडा में आधिकारिक छुट्टी की घोषणा नहीं हुई, लेकिन कई निजी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी हैं।
आईटी कंपनियों और दफ़्तरों ने भी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी है ताकि ट्रैफिक जाम और बाढ़ की समस्या से बचा जा सके।
प्रशासन की तैयारियाँ
दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर लगाए हैं। यहाँ लोगों के लिए भोजन, पानी और अस्थायी रहने की व्यवस्था की गई है।
- NDRF और SDRF की टीमें लगातार बचाव कार्य में लगी हैं।
- पंपिंग मशीनें लगाकर सड़कों और कॉलोनियों से पानी निकालने की कोशिश हो रही है।
- स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस और मेडिकल टीमों को तैनात किया है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
- पुलिस ने लोगों से अपील की है कि बिना ज़रूरी काम के घर से बाहर न निकलें।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले 48 घंटों में दिल्ली और एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना कम है, लेकिन यमुना का जलस्तर ऊँचा रहने की वजह से खतरा अभी बना रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अगले दो दिनों तक बारिश जारी रहती है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
जनजीवन पर असर
तेज बारिश और बाढ़ ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है।
- सब्ज़ी और दूध जैसी जरूरी चीज़ों की सप्लाई बाधित हो रही है।
- कई इलाकों में बिजली कटौती हो रही है।
- सोशल मीडिया पर लोग ट्रैफिक जाम और पानी से भरी सड़कों की तस्वीरें शेयर कर प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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