Tribals का घर उजाड़ने के लिए अकबरपुर ग्राम प्रधान पति के द्वारा षड्यंत्रकारी पत्र लिखकर जिले के उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है
चित्रकूट ब्यूरो। जिला के भरतकूप क्रेशर नगरी में इन दिनों लगातार एक्सप्रेसवे की रोड को लेकर विवाद बढ़ता दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां आदिवासी समाज के द्वारा अपना आशियाना बचाने के लिए जिला अधिकारी का दरवाजा खटखटा जा रहा हैं। तो वहीं दूसरी तरफ अकबरपुर ग्राम प्रधान पति के द्वारा षड्यंत्रकारी पत्र लिखकर जिले के उच्च अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले रामगमन पथ के निर्माण कार्य को लेकर जहां लोगों में काफी खुशी थी वही अब राम गमन पथ ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है कुछ दिन पहले ग्रामीणों के द्वारा चित्रकूट जिला अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपना आशियाना बचाने की गुहार लगाई गई थी तो वहीं अब लेखपाल व ग्राम प्रधान पति अकबरपुर का एक नया कारनामा सामने आया है।
Tribals ने बताया कि क्रेशर मालिकों के एवं व्यवसाईयों के बल पर ग्राम प्रधान पति के द्वारा धौस दिखाया जा रहा है वही जहां एक ओर राम गमन पथ के नक्शे पर बदलाव करने की पूर्ण कोशिश की जा रही हैं तो वहीं अब दूसरे तरफ आदिवासी समाज के निवासी लोगों के आशियाने को उजाड़ने के लिए अब ग्राम प्रधान पति के द्वारा एक नया कारनामा किया गया है।
Tribals के द्वारा बताया गया कि ग्राम प्रधान पति के द्वारा षड्यंत्रकारी एक पत्र जिले के उच्च अधिकारियों को भेजे गए हैं जिसमें ग्राम प्रधान पति के द्वारा स्वयं पत्र में हस्ताक्षर कर आदिवासियों की सहमति बनाकर संबंधित पत्र को जिले के उच्च अधिकारियों के पास भेजा गया है जबकि आदिवासियों का कहना है कि उनके द्वारा आज दिनांक तक ऐसे किसी भी पत्र में हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं।
जिलाधिकारी से Tribals के द्वारा गुहार लगाने के बाद भी ग्राम प्रधान पति द्वारा डरा धमाकर आदिवासियों के घर तोड़ने की बात कही जा रही हैं
जिलाधिकारी से Tribals के द्वारा गुहार लगाने के बाद भी ग्राम प्रधान पति द्वारा डरा धमाकर आदिवासियों के घर तोड़ने की बात कही जा रही हैं। Tribals को लगातार डराया धमकाया जा रहा है वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि जिले के उच्च अधिकारी आदिवासियों की समस्या पर कितना अमल करते हैं। वही जब आदिवासियों की बात को लेकर ग्राम अकबरपुर के लेखपाल से बात की गई तो बताया गया कुछ आदिवासियों द्वारा सहमति मिली थी उसी लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदार के साथ मैं गया था।
जिन आदिवासियों की सहमति पत्र में उसी की तस्तीत करने आए थे वही लेखपाल ने बताया कि आदिवासियों को बने बनाए मकान रहने के लिए दिए जाएंगे इसी को लेकर तहसीलदार,नायब तहसीलदार गए थे। वही आदिवासियों का कहना है हम लोगो ने कही किसी भी सहमति पत्र में कोई साइन व अगूंठा नही लगाए हैं हम लोगो के साथ धोखाधडी की जा रही हैं ।
आंचलिक खबरे,अश्विनी श्रीवास्तव
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