सैय्यद जाहिद अली रियासत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में राज्य में चल रहे मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर अपनी राजनीतिक कुशाग्रता और संयम का परिचय दिया है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप महापौर बाबू भाई भवानजी ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर मुख्यमंत्री की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
विपक्षी एकजुटता के बावजूद अडिग रहे फडणवीस
भवानजी के अनुसार, शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं के समर्थकों ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर एकजुट होकर मुख्यमंत्री फडणवीस को निशाना बनाने का प्रयास किया। इनमें वे लोग शामिल थे जो स्वयं को प्रगतिशील कहते हैं, वामपंथी विचारधारा रखते हैं, और फुले-शाहू-आंबेडकर के नाम पर राजनीति करते हैं। किंतु फडणवीस इन सभी हमलों के बावजूद अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे और समाधान ढूंढने में लगे रहे।
मराठा आरक्षण: एक ऐतिहासिक समस्या
भवानजी ने इस ओर ध्यान दिलाया कि महाराष्ट्र में अतीत में कई मराठा मुख्यमंत्री सत्ता में आए, किंतु आरक्षण के इस जटिल मुद्दे पर कोई ठोस पहल करने में वे सभी विफल रहे। इस बार के आंदोलन का उद्देश्य केवल अराजकता फैलाना प्रतीत हो रहा था, न कि वास्तव में आरक्षण प्राप्त करना। छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीक चिह्नों का दुरुपयोग कर कानून-व्यवस्था को भंग करने का प्रयास किया गया।
फडणवीस का संयम और रणनीतिक सोच
ऐसी विषम परिस्थितियों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का संयम और धैर्य प्रशंसनीय रहा। उनके चेहरे पर किसी प्रकार का तनाव दिखाई नहीं दिया और उन्होंने पूरी स्थिति को बड़ी ही शांति और संयम से संभाला। विरोधियों द्वारा उनके और उनके परिवार के अपमानजनक टिप्पणियों के बावजूद, फडणवीस ने अपना संयम नहीं खोया और समस्या के स्थायी समाधान पर ध्यान केंद्रित किया।
राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक दायित्व
मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उनके लिए राजनीतिक लाभ से कहीं अधिक महत्वपूर्ण सामाजिक जिम्मेदारी है। आरक्षण कोई साधारण गरीबी उन्मूलन योजना नहीं है, इसके लिए एक मजबूत संवैधानिक आधार आवश्यक है। उनका उद्देश्य एक ऐसा समाधान निकालना था जो न्यायपालिका की कसौटी पर खरा उतरे। इसके विपरीत, उद्धव ठाकरे का पिछला प्रशासन फडणवीस के कार्यकाल में लिए गए आरक्षण संबंधी निर्णयों को बनाए रखने में विफल रहा था।
एक निष्कर्षण और भविष्य की ओर
भवानजी ने कहा कि जो लोग अराजकता फैलाना चाहते थे और मुख्यमंत्री को बदनाम करने में लगे थे, वे अब पृष्ठभूमि में चले गए हैं। देवेंद्र फडणवीस ने जो कर दिखाया, वह उनकी असाधारण इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रमाण है। विपक्ष में अब उन्हें श्रेय देने का साहस नहीं है, किंतु जनता सब कुछ समझती है।
देवेंद्र फडणवीस एक ऐसे नेता हैं जो ट्रोलिंग और विरोध से भटकते नहीं हैं। उनमें तार्किक ढंग से समस्याओं का समाधान खोजने की क्षमता है और किसी भी प्रकार के षड्यंत्र का सामना करने का साहस है। उनकी इसी दृढ़ता और संकट प्रबंधन क्षमता के कारण ही वे महाराष्ट्र की जटिल राजनीति में एक सशक्त नेता के रूप में उभरे हैं।
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