राजेंद्र राठौर
दहकती आग और दहकते अंगारों पर नंगे पैर चले मन्नतधारी…. आग और अंगारों पर आस्था भारी —
जिला झाबुआ ,
पेटलावद — इसे आप आस्था कह लीजिए या अंधविश्वास, लेकिन मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के दर्जनभर से अधिक गांवो में धुलेटी पर्व की शाम, सैकड़ों मन्नतधारी दहकती आग और दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर, अपनी मन्नत उतारते हैं. इन मन्नतधारियो में बच्चे, महिलायें, बुजुर्ग भी शामिल होते हैं। पेटलावद के करवड, टेमरिया, सारंगी चुल समारोह ज्यादा चर्चित हैं. इन चुल समारोह का हिस्सा बनने हजारों की संख्या में लोग भी पहुंचते हैं। आग पर चलकर वे इस प्रथा का हिस्सा बनते हैं।
दरअसल, दहकते अंगारों पर चलने को स्थानीय भाषा में ‘चुल’ पर चलना कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, मन्नतधारी ‘हिंगलाज माता’ की मन्नत लेते हैं कि, उनका अमुक काम हो जायेगा तो वे धुलेटी पर ‘चुल’ पर चलेंगे. जब उन्हें लगता है कि, उनकी फरियाद हिंगलाज माता ने सुनकर मन्नत पूरी कर दी है तो वे, बाकायदा नंगे पैर दहकती आग और अंगारों पर चलकर, अपनी मन्नत उतारते हैं। आज धुलेटी की शाम करवड़, टेमरिया, सारंगी में 400 से अधिक मन्नतधारियों ने दहकते अंगारो ओर आग पर चलकर अपनी मन्नत को पूरा किया।
चुल कार्यक्रम को लेकर पुलिस प्रशासन के द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें खुद एसडीएम अनिल कुमार राठौड़, एसडीओपी सोनू डावर, थाना प्रभारी राजूसिंह बघेल सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।