जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का होगा प्रयास
चित्रकूट: उपजिलाधिकारी न्यायिक आकांक्षा सिंह जनसमस्याओं के निस्तारण में अव्वल नजर आ रही हैं। मौजूदा समय में वह फरियादियों की समस्याओं का त्वरित निदान करके योगी सरकार की मंशानुरूप कार्य कर रही हैं। उनका कहना है कि वह जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करती है।
एसडीएम आकांक्षा सिंह 2018 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस 2018 बैच में 28वीं रैंक हासिल कर अपनी मेधा का परचम लहराया था तथा पांच मार्च 2021 को मुख्यमंत्री योगी के हाथों नियुक्ति पत्र प्राप्त कर प्रशासनिक सेवा में कदम रखा है। उन्हें प्रशिक्षु पीसीएस अफसर के रूप में पहली तैनाती प्रभु राम की तपोस्थली चित्रकूट में 14 अप्रैल 2022 को डिप्टी कलेक्टर के रूप में मिली है। आकांक्षा सिंह मूल रूप से जौनपुर जनपद के गाँव केराकत नरहन (चकरारेत) की निवासी हैं। उन्होंने कठिन परिश्रम से पढ़ाई करके प्रशासनिक सेवा में अपनी काबीलियत का परचम लहराया और अपने घर, परिवार, गांव क्षेत्र व माता पिता का गौरव बढ़ाया है। उनके पिता जय किशोर सिंह लखनऊ में पुलिस विभाग में हैं और माता सावित्री सिंह भारतीय किसान यूनियन (सावित्री गुट) की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आकांक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से भूगोल विषय से परास्नातक की डिग्री हासिल की है, वह दो बहन एक भाई में सबसे बड़ी हैं। छोटी बहन अंकिता सिंह पीसीएस-जे 2019 में सफलता हासिल कर आजमगढ़ में सिविल जज के पद पर नियुक्त हैं तथा छोटा भाई श्रीश सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई कर रहे हैं। आकांक्षा सिंह मध्यम वर्गीय परिवार से हैं तथा शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थीं और प्रशासनिक सेवा में आकर जनता व राष्ट्र की सेवा करने का उनका लक्ष्य था। कठिन परिश्रम, लगन और माता-पिता के सही मार्गदर्शन से वह अपने मुकाम को पाने में कामयाब रही हैं। उनका समाज को संदेश है कि सभी माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाएं, बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कहा कि शिक्षा वह कुंजी है, जो भाग्य के सभी ताले खोल देती है। दृढ़ निश्चय मन में ठान लिया जाता है तो अभाव और संसाधनों की कमी आगे बढ़ने में बाधा नहीं होती वैसे भी वर्तमान सरकार बेटियों के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है उन सभी योजनाओं का लाभ उठाकर बेटियां आगे बढ़कर अपना मुकाम पाने में सफल हो सकती हैं।