झाबुआ के गादिया काॅलोनी में श्री जिद्देष्वर महादेव मंदिर में पपीते में प्रकट हुए गणेश जी, मंदिर में दर्शन के लिए भक्तजनों की लगी भीड़-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

News Desk
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संध्याकाल महाआरती रखकर प्रसादी वितरण किया गया, पूर्व में मंदिर में षिवरात्रि के दौरान नागदेवता का भी हुआ था प्रवेश

झाबुआ। शहर के गादिया काॅलोनी में श्री जिद्देष्वर महादेव मंदिर पर 21 दिसंबर, बुधवार को भगवान श्री गणेश का दिन होने एवं प्रतिमाह आने वाली प्रदोश शिवरात्रि होने से अद्भुत चमत्कार हुआ। जिसमें मंदिर परिसर में स्थित पपीते के वृक्ष से एक पपीता मंदिर परिसर में गिरा। जिसे काटने पर अंदर से गणेश जी की आकृति उभरकर सामने आई। जिसे भक्तजनो ने भगवान श्री गणेश का चत्मकार मानते हुए उनके दर्शन किए एवं पूजन की। शाम को मंदिर समिति की ओर से भगवान की महाआरती रखकर सभी को प्रसादी वितरण किया गया।
जानकारी देते हुए मंदिर समिति अध्यक्ष एवं व्यवस्थाक कल्पना सिसौदिया ने बताया कि उक्त वाक्या बुधवार सुबह करीब 10 बजे का है। जब वह मंदिर परिसर में पेड़ से गिरे पपीते को साफ कर उसे काटने पर श्री गणेश जी की आकृति दिखाई देने लगी। जिस पर मंदिर के सेवक अभय भार्गव एवं मंदिर मंें प्रतिदिन चोला चढ़ाने के लिए आने वाले सेवाभावी पं. रमाकांत शर्मा को भी दिखाने पर सभी ने मिलकर पपीते में निकली गणेश जी की आकृति को भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा के सम्मुख विराजमान कर पूजन कर दीपक प्रज्जवलित किया।
बड़ी संख्या में भक्तजनों ने किए दर्शन-पूजन
इस बीच काॅलोनी के रहवासियों को जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में भक्तजन दर्शन और पूजन के लिए पहुंचे। मंदिर समिति की ओर से बुधवार के दिन उक्त चत्मकार होने से निर्णय लिया गया कि शाम को गजनान महाराजजी की महाआरती रखी जाए। जिस पर संध्याकाल 7 बजे सभी ने इकट्ठे होकर पूरे उत्साह और उल्लास के साथ भगवान श्री गणेश जी की पपीते में प्रकट हुई आकृति की महाआरती करते हुए सभी को खीर का प्रसाद वितरित किया गया।
पूर्व में भी हो चुके है चत्मकार
मंदिर समिति अध्यक्ष कल्पना सिसौदिया ने बताया कि उक्त आकृति को दिनभर मंदिर में ही रखा गया, ताकि सभी भक्तजन दर्शन लाभ ले सके। 22 दिसंबर, गुरूवार सुबह विसर्जन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी शिवरात्रि के दौरान नागदेवता अचानक से मंदिर में प्रकट हुए थे और भक्तजनों को दर्शन दिए थे। यह मंदिर भक्तों की आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है।

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