कृषकों की मांग पर प्रशासन के निरंतर प्रयास से दो रेक यूरिया शीघ्र हीं प्राप्त हो रहा है-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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झाबुआ , जिले मे कृषको की उर्वरक यूरिया की मांग पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही उपरांत 02 रेक यूरिया उत्पादन संयंत्रो से चल कर जिले को प्राप्त हो रही है। जिससे कृषको को यूरिया की उनकी आवश्यकता के अनुसार यूरिया प्रदाय किया जा सकेगा।
जिले मे झाबुआ, मेघनगर, पेटलावद के डबललॉक केन्द्रो एवं विपणन सहकारी संस्था केन्द्र (मार्केटिंग सोसायटी मण्डी पेटलावद/ब्लॉक ऑफिस के पास पेटलावद एवं थांदला पर यूरिया नगद् मे अपना आधार कार्ड एवं मूल भू-अधिकार पुस्तिका ले जाकर प्राप्त कर सकते है।
जिले मे प्राथमिक सहकारी समितियो के गोदामो मे पर्याप्त यूरिया भण्डारित है जो केवल समितियो के ऐसे सदस्यों के लिये है जिन्होने अपना ऋण चुकता कर दिया है अर्थात उन पर समितियो का बकाया नही है, अतः ऐसे कृषक जो सहकारी समितियो के सदस्य है, अपनी सहकारी समितियो से उर्वरको की आवश्यक मात्रा की मांग कर परमिट बनवा कर उर्वरक प्राप्त कर सकते है। साथ ही ऐसे कृषक जिनकी कृषि ऋण की देयता है ऋण जमां करवाएं ताकि उन्हे साख पर सभी प्रकार का उर्वरक सहज रूप से उपलब्ध हो सके एवं उन्हे उर्वरक के लिये अनावश्यक परेशानी ना उठानी पडे।
जिले मे विपणन संघ के गोदामो मे 77 मि.टन, प्राथमिक सहकारी संस्थाओ के गोदामो मे 1103 मे.टन, विपणन सहकारी संस्थओं के गोदामो मे 5 टन, निजी विक्रेताओ के गोदामो मे 340 मे.टन, कुल 1525 मे.टन यूरिया भण्डारित हो कर वितरण कार्य निरंतर जारी है।
इसके अलावा कृषक यूरिया/डी.ए.पी. का मितव्ययिता से उपयोग करने के लिये 2 प्रतिशत का घोल बना कर फसलो पर छिडकाव कर सकते है जिससे उर्वरक के वे लाभ तो मिलेगें ही उर्वरक की मात्र भी कम लगेगी, इस हेतू 2 किलो यूरिया 100 लीटर पानी मे घोल बना कर गेहूं की फसल पर स्प्रेयर की मदद् से छिडकाव करना है। इसके अतिरिक्त कृषक भाई नत्रजन की उपलब्धता वाले केल्शियम अमोनियम नाईट्रेट एवं नेनेा यूरिया का भी अनुशंसित मात्रा मे घोल बना कर छिडकाव कर सकते है।

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