चित्रकूट: कामदगिरि परिक्रमा मार्ग स्थित बरहा के भगवान हनुमान भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं, जो भी सच्चे मन से इनकी पूजा-अर्चना, भजन व कीर्तन करता है। निश्चित रूप से उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
यह अति प्राचीन मूर्ति कामतानाथ परिक्रमा मार्ग में कामदगिरि की तलहटी पर प्रकृति की गोद में प्रगटे भगवान हनुमान के रूप में आज विराजमान है। यहां जो देशी घी के दीप जलाने का संकल्प लेते हैं, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। यहां संत रणछोड़ दास महाराज ने भी तपस्या की थी। यह स्थान बहुत ही पवित्र और भक्तों की मुराद पूरी करने वाले बजरंगबली के रूप में देश दुनिया में विख्यात है। बजरंगबली इस कलयुग के भवसागर से अपने भक्तों को पार लगाते हैं। यही वजह है कि हर मंगलवार और शनिवार को यहां भजन-कीर्तन का दौर चलता है, लोग भंडारा आयोजित करते हैं। इसी क्रम में एसडीएम कॉलोनी निवासी शिक्षक अरुण कुमार अपनी मनोकामना के पूर्ण होने पर अखंड रामचरितमानस पाठ और भंडारे का आयोजन शनिवार को किया। जिसमें भंडारे में सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।