सिहोरा जिला आंदोलन के 60 वें धरने में सम्पूर्ण सिहोरा के विकास की मांग
जिला जबलपुर – राज्य सरकारों ने केवल सिहोरा मात्र की उपेक्षा नही की बल्कि सम्पूर्ण सिहोरा विधानसभा के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया गया है।सिहोरा विधानसभा अंतर्गत आने वाले मझगवां,गांधीग्राम और गोसलपुर ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने की मांग लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अपने धरने के 60 वें रविवार की।समिति ने अपने धरने में राज्य सरकारों पर सिहोरा की उपेक्षा का आरोप लगाया।
1867 को बनी सिहोरा नगरपालिका:- समिति के अनिल जैन,नागेंद्र क़ुररिया ने कहा कि 17 मई 1867 को सिहोरा को नगरपालिका बनाया गया था।कुल 155 वर्ष पहले नगरपालिका बनने के बाद सम्पूर्ण सिहोरा विधानसभा और इसके प्रमुख गाँवो को कोई विशेष उपलब्धि प्रदान कर विकास की मूल धारा से नही जोड़ा गया।दुःखद यह है कि किसी भी पार्टी के राजनेताओं द्वारा इस हेतु कोई पहल ही नही की गई।
सिहोरा जिला पर निर्णय लें मुख्यमंत्री:- समिति के सुशील जैन,रामजी शुक्ला ने अपने सतत धरने के 60 वें रविवार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की कि सिहोरा जिले के विषय में अब विलंब न करें।समिति इस हेतु संकल्पित है कि सरकार के इसी कार्यकाल में सिहोरा जिला का हक लेकर रहेंगे।
जनता शांत पर समझदार:- समिति के विकास दुबे,मानस तिवारी ने कहा कि सत्तारुढ़ शिवराज सरकार सिहोरा के शांतिपूर्ण चल रहे आंदोलन को तवज्जो नही देना चाहती पर सरकार ये जान और समझ ले कि सिहोरा वासी शांत और अहिंसा प्रिय है और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग सामने रख रहे है।सिहोरा वासी शांत जरूर है पर समझते सब है।सरकार को सिहोरावासियों द्वारा दिये गए लगातार 18 वर्षो की सत्ता का ऋण चुकाना चाहिए।
60 वें धरने में समिति के कृष्णकुमार क़ुररिया,अमित बक्शी,राजभान मिश्रा,मोहनलाल गौतम,रामलाल यादव,योगेन्द्र पांडे,नत्थू पटेल,पन्नालाल,गुड्डू कटैहा,गौरीहर राजें,प्रमोद पांडे सहित अनेक सिहोरावासी मौजूद रहे।