मध्य प्रदेश कोटवार संघ द्वारा झाबुआ जिले के सभी तहसील मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
कई वर्षों से लंबित मांगों के लिए शुक्रवार दोपहर 11 बजे, अंबेडकर पार्क में कोटवार संघ के सभी सदस्य एकत्रित हुए, यहां से रैली निकालते हुए अपनी मांगों के लिए आवाज बुलंद करते हुए, कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे कलेक्ट्रेट परिसर में एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए, अपनी उचित मांगों का जल्द से जल्द निराकरण करने के लिए कहा।
कोटवार संघ के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह बारिया ने बताया कि, हम 24 घंटे ऑन ड्यूटी रहते हैं, कभी भी किसी भी समय किसी अधिकारी का फोन आ जाता है, और हमें काम पर जाना पड़ जाता है. हमारे क्षेत्र में कहीं भी कोई दुर्घटना हो जाए, कोई अनहोनी हो जाए, कीसी पर बिजली गिर जाए, कोई कुएं में डूब के मर जाए , कोई जहर खा ले हर जगह हमें पहले पहुंचना पड़ता है. और हमारी मौजूदगी में पंचनामा बनाया जाता है, और हमारे हस्ताक्षर होते हैं, हमारा काम भी पुलिस से कम नहीं होता। लेकिन हमें सिर्फ 4000 वेतन के रूप में मिलते हैं. वह भी समय पर नहीं मिलते हैं, कई को तो कई महीनों तक नहीं मिलते हैं, हमें हमारे कार्य के हिसाब से मेहनताना नहीं दिया जाता, सरकार की सारी योजनाओं को सफल बनाने में हम कोटवार लोगों का विशेष सहयोग होता है. हम घर घर , गांव गांव तक पहुंच कर अपनी सेवाएं देते हैं चुनाव के समय, हम मुस्तैदी से चुनाव कराने में अपना सहयोग प्रदान करते हैं. शासन की ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसमें हम अपने कर्तव्य को पूर्ण रूप से निभाते हैं। लेकिन सरकार फिर भी हम लोगों को नियमित नहीं कर रही है. हमें हमारी वर्दी के पैसे नहीं दिए जाते हैं. 4000 में घर कैसे चलाएं, हमारे भी बच्चे हैं जिन्हें हमें पढ़ाई करवाना है घर परिवार में अन्य सदस्य हैं, जिनका जीवन यापन करना है. लेकिन मात्र 4000 में कैसे करें, सरकार इस महंगाई के दौर में हमारे कर्तव्य को नजरअंदाज कर रही हैं. हम चाहते हैं, सरकार हमें उचित और आज की महंगाई को देखकर, हमें अपना वेतन दे।अगर कोटवार संघ की मांगों को सरकार नहीं मानती है तो, हम भोपाल के नीलम पार्क में भूख हड़ताल करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिसकी सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
आज ज्ञापन देते समय बड़ी संख्या में कोटवार संघ के, महिला पुरुष कर्मचारी उपस्थित थे, सभी ने अपनी मांगों को लेकर, बुलंद आवाज में नारे लगाकर, अपना आक्रोश व्यक्त किया. और शासन प्रशासन को जगाने का प्रयास किया।