परिजन बोले- एक्सपायरी डेट का लगाया गया इंजेक्शन
चित्रकूट। जिला अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। यहां एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाने से नौ माह की बच्ची की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा किया है।आपको बतादे कि पांच दिन पहले चिकित्साकर्मियों की लापरवाही से एक प्रसूता की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर जिला अस्पताल सुर्खियों में है। इस बार एक मासूम बच्ची की जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने से बच्ची की सांसें थम गईं।
चित्रकूट जिले की सीमा के बाद बदौसा (बांदा) के जमुनिहापुरवा निवासी धनेश श्रीवास्तव रविवार को अपनी नौ माह की बच्ची शिवांगी को लेकर रविवार को जिला अस्पताल इलाज कराने आया था। उसने यहां बाल रोग विशेषज्ञ को बच्ची को दिखाया तो उसे भर्ती कर लिया गया। धनेश ने बताया कि बच्ची की हालत सुधरने पर वे लोग रात में उसे कर्वी में ब्रह्मचर्य स्कूल के पास के घर ले गए। सोमवार को बच्ची की तबीयत फिर खराब हो गई।
इस पर वे लोग उसे सुबह फिर जिला अस्पताल लाए। धनेश ने आरोप लगाया कि यहां इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा. संतोष कुमार के कहने पर वार्ड ब्वाय अवधेश कुमार ने इंजेक्शन लगाया और इंजेक्शन लगाने के कुछ ही मिनट बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत से हतप्रभ और बेहाल परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया।
बच्ची की मां शारदा ने बताया कि उसने वार्ड ब्वाय को इंजेक्शन लगाने से मना किया था क्योंकि उसने देखा था कि यह इक्सपायरी डेट का था। इसके बाद भी इंजेक्शन लगा दिया गया, जिससे उसकी बेटी का शरीर नीला पड़ गया और उसकी तड़पकर मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही जिला अस्पताल में सदर विधायक अनिल प्रधान, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, सांसद प्रतिनिधि शक्ति प्रताप सिंह तोमर आदि पहुंच गए। तहसीलदार राकेश पाठक, कोतवाल प्रभारी अवधेश कुमार मिश्रा आदि भी पहुंचे। सभी ने परिजनों को समझाया और हर संभव कार्रवाई का आश्वासन दिया।
तीन स्वास्थ्यकर्मियों को किया निलंबित-
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी और मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा ने घटना पर दुख जताया है। प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर फार्मासिस्ट धर्मेंद्र मिश्रा, स्टाफ नर्स कुलदीप कुमार व वार्ड ब्वाय अवधेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। सीएमएस ने बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी का भी गठन कर दिया गया है। अगर चिकित्सक और स्टोरकीपर दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
पांच दिन पहले ही हुआ था एक और मामला-
इसके पहले सात दिसंबर को भी जिला अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही सामने आई थी। मानिकपुर थानांतर्गत मड़ैयन ग्राम पंचायत के मजरे टेढ़ीपुरवा निवासी शिवपूजन की प्रसूता पत्नी अभिलाषा की बच्चे को जन्म देने के बाद मौत हो गई थी। शिवपूजन ने स्टाफ पर पैसा मांगने का आरोप लगाया था। तब जांच की बात कहकर मामला रफादफा करने की कोशिश की गई थी।