बाल_विवाह रोकने विकासखण्ड स्तर एसडीएम की अध्यक्षता में दल किये गये गठित
विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
जिला कटनी – कलेक्टर प्रियंक मिश्रा द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु त्वरित कार्यवाही के निर्देश जारी किए गऐ है। बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में दल का गठन किया गया है। दल में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी सदस्य एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, सदस्य सह सचिव होंगे। गठित दल विशेष रूप से 03 मई 2022 अक्षय तृतीया के अवसर पर निगरानी एवं बाल विवाह् रोकथाम का कार्य करेंगे।
बाल विवाह रोकथाम हेतु विकासखंड एवं ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। शिक्षा विभाग द्वारा बिना प्राचार्य को सूचना लम्बे समय से विद्यालय से अनुपस्थित बालकों एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किशोर बालक- बालिकाओं की सूची तैयार कर बाल विवाह रोकथाम हेतु सतत निगरानी, सघन जांच एवं परिवारिक परामर्श प्रदान किया जायेगा।
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने जि़लें के समस्त नागरिकों से बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। बाल विवाह न करें, न होने दें। बाल विवाह् की सूचना प्राप्त होने पर चाइल्ड लाइन टोल फ्री नंबर 1098, अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, निकटतम पुलिस थाने अथवा महिला एवं बाल विकास कार्यालय मे सम्पर्क कर सकते है। आपकी पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।
बाल विवाह कानूनन एवं सामाजिक अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं मध्यप्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध नियम 2007 के अनुसार 21 वर्ष से कम आयु के बालक एवं 18 वर्ष से कम आयु की बालिका का विवाह, बाल विवाह कहलाता है, एवं कानूनी अपराध है। अधिनियम अन्तर्गत बाल विवाह करवाने वाले, जिसमें माता-पिता, संरक्षक, रिश्तेदार, बाल विवाह में सेवाएं देने वलो सेवा प्रदाता जैसे-पंडित, मौलवी, पादरी, कैटरर्स, हलवाई, प्रिटिंग प्रेस, घोड़े वाले एवं विवाह में सम्मिलित होने वालों को भी दोषी माना जाता है। एवं इसमें एक लाख रूपए का जुर्माना और 02 वर्ष तक की सजा हो सकती है।