राजेंद्र राठौर
पेंशनर्स की मांगे पूरी नही की जाती हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकारों को पराजय का सामना करना पड सकता है- सुभाषचन्द्र दुबे ।
भूरिया ने विधानसभा सत्र में पेंशनरों की पूरजोर मांग उठाने का दिलाया भरोसा ।
झाबुआ । मध्यप्रदेश पेंशनर एसोसिएशन जिला शाखा झाबुआ अपनी लंबित मांगों के शीघ्र ही निराकरण करवाने हेतु प्रदेश सरकार के नाम पत्र जारी करन तथा पेंशनरों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार के चलते उनकी उनकी मांगों को निराकृत करने के लिये झाबुआ क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व केन्द्रीयमंत्री कांतिलाल भूरिया को उनके झाबुआ कार्यालय पर प्रतिनिधि मंडल के साथ उपस्थित होकर उन्हे मांग पत्र सौपकर निवेदन किया गया कि मध्यप्रदेश सरकार तक इसे निराकृत करवाने के लिये भिजवाने का कष्ट करें । ज्ञापन सौंपने के समय पेंशनर संगठन के वरिष्ठ संरक्षक डॉक्टर केके त्रिवेदी के नेतृत्व में संगठन के सदस्यों द्वारा ज्ञापन दिया गया । इस अवसर पर संगठन के उपाध्यक्ष सुभाषचंद्र दुबे, तहसील शाखा झाबुआ के अध्यक्ष रूपसिंह खपेड, जिला शाखा सचिव राजेंद्र जोशी, कोषाध्यक्ष पीडी रायपुरिया, जितेंद्र शाह, कार्यकारिणी के सदस्य प्रदीप पंड्या तथा बहादुरसिंह कटारा इस अवसर पर उपस्थित थे ।
जिला पेंशनर्स एसोसीएशन के उपाध्यक्ष सुभाष दुबे के अनुसार मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49/6 के प्रचलन में होने की आड़ लेकर दोनों प्रदेशों की सरकारें लंबे समय से पेंशनर्स का शोषण कर रही हैं। अगर पेंशनर्स की मांगे पूरी नही की जाती हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकारों को पराजय का सामना करना पड सकता है ।
दुबे के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अपने पेंशनर्स को 42 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जबकि मध्यप्रदेश में पेंशनर्स को केवल 33 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। पूर्व में भी पेंशनर्स को महंगाई भत्ते की बढ़ोत्तरी हुई थी जिसका एरियर के रूप में 32 माह व 27 माह के एरियर का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। इसके लिये पेंशनर्स निरंतर मांग कर रहे हैं तथा कई बार आंदोलन करके ज्ञापन भी दिए। लेकिन अब तक अनदेखी की जा रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने नियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत देने की घोषणा की है लेकिन पेंशनर्स को 33 फीसदी पर ही अटका रखा है। उन्होने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने धारा 49/6 की आड़ लेकर पेंशनर के हित में विचार नहीं किया जा रहा। ऐसे में प्रदेश के 4 लाख 75 हजार पेंशनर व उनके परिजन सरकार का विरोध करेंगे। अतः सरकार को चाहिए पेंशनर्स की मांगों को तत्काल ही गंभीरता से विचार कर पूरा करें ।
प्रस्तुत ज्ञापन के अनुसार प्रदेश सरकार के पेंशनरो की मुख्य मांग मध्यप्रेश छत्तीसगढ पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को अविलम्ब विलोपित करने, केन्द्र के समान 42 प्रतिशत महंगाई राहत में वृद्धि करने, छटवे वेतनमान के तहत लम्बित 32 माह तथा सातवें वेतनमान के तहत 27 माह की एरीयर राशि का तत्काल भुगतान करने तथा नियमित केर्मचारी की तरह पेंशनर्स को भी रूप्ये 50 हजार उपादान अर्थात एक्स ग्रेशिया राशि प्रदान करने की मांग शामील है। साथ ही पेंशनरों द्वारा कम से कम 1000 रूपये मेडिकल अलांउस दिये जाने की भी भी मांग विधायक श्री भूरिया को सौपे गये ज्ञापन में की गई है ।
जिला पेंशनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुभाष दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में प्रतिनिधि मंडल ने विधायक कांतिलाल भूरिया से हुई चर्चा मेें विधायक भूरिया ने आश्वस्त किया कि पेंशनरों की सभी मांगों के लिये उनके द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आज ही वे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान एवं प्रदेश के राज्यपाल को अपनी टीप एवं अनुसंशा के साथ ज्ञापन अग्रेशित कर रहे है। उन्होने यह भी आश्वस्त किया कि पेंशनरों की मांगों को विधानसभा में भी उठायेगें ।
जिला पेंशनर्स एसोसिएशन के संरक्षक डा. केके त्रिवेदी ने ज्ञापन का वाचन किया । तथा क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया को पेंशनरों के हित मे दिये गये सहयोग के लिये उनका धन्यवाद ज्ञापित किया ।
ज्ञापन देते समय संरक्षक केके त्रिवेदी, सुभाष चंद्र दुबे, पी डी रायपुरिया, रूप सिंह खपेड राजेन्द्र जोशी,प्रदीप पण्ड्या,बापू सिंह कटारा सहित बडी संख्या में पेंशनर्स संठन के सदस्यगण एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे ।