1890 टन सरकारी यूरिया गायब होने के मामले में चार्जशीट पेश-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

Aanchalik Khabre
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कृभको प्रबंधन, डीलर और ट्रांसपोर्टर ने रची थी अमानत में खयानत की साजिश
अगस्त-सितंबर महीने में सरकारी यूरिया की सप्लाई में हुई गड़बड़ी के मामले में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी है। सीजेएम आलोक सिंह की कोर्ट में लार्डगंज थाना पुलिस द्वारा करीब 60 पेज की डायरी पेश की गई है। कृभको के डीलर-ट्रांसपोर्टर डीपीएमके तथा उसके सब-डीलर्स की लंबी चेन से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों के बयानों तथा मैदानी तहकीकात के बाद पुलिस ने यह चार्जशीट पेश की है। चार्जशीट के साथ पुलिस ने कृभको श्याम फर्टिलाइजर लि. के डीलर तथा ट्रांसपोर्टर डीपीएमके द्वारा अमानत में खयानत करने तथा फर्टिलाइजर कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर, रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर के साथ इस आपराधिक कृत्य के लिए संयुक्त रूप से साजिश रचने से जुड़े करीब 3 किलो वजनी दस्तावेज पेश किए। 890 टन सरकारी यूरिया गायब होने के मामले में आरोपी रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश को जमानत मिल चुकी है। डीपीएमके के स्थानीय मैनेजर संजय गुप्ता, सहायक कर्मचारी नवीन झा और कृभको के फील्ड ऑफिसर शुभम बिरला न्यायिक हिरासत में हैं।

डीपीएमके और डीजी ट्रांसपोर्ट का आपस में गहरा नाता
कृभको श्याम के डीलर डीपीएमके तथा इसके लिए परिवहन का काम करने वाली डीजी ट्रांसपोर्ट का आपस में गहरा नाता है। डीपीएमके के प्रोपराइटर द्वारिका गुप्ता हैं और इनका बेटा दिव्यदीप इसमें डायरेक्टर है। दिव्यदीप गुप्ता डीजी ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर हैं और इनके पिता द्वारिका डायरेक्टर। पिता-पुत्र की इन दो फर्मों के इंटर कनेक्शन के कारण लगभग हर साल कृभको श्याम द्वारा सप्लाई किए जाने वाले सरकारी कोटे के यूरिया की सप्लाई में गोलमाल और गड़बड़ी की जाती रही और मार्कफेड तथा कृषि महकमे के जबलपुर व भोपाल में बैठे अफसर तथा शासन-प्रशासन में उच्च पदों पर पदस्थ इसके संरक्षक, गड़बड़-घोटाला प्रमाणित पाए जाने के बावजूद इसे बख्शते रहे, बचाते रहे। यही नहीं डीपीएमके को बचाने की खातिर जबलपुर की करीब 14 फर्मों को भी अभयदान दीया

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