मध्य प्रदेश में संभाग आयुक्त ने की सभी जिलों की समीक्षा

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By News Desk
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राजेंद्र राठौर 
अति वर्षा और बाढ़ से निपटने के लिए 15 जून से कंट्रोल रूम सक्रिय करें और नोडल अधिकारी बनाएं 
– संभागायुक्त मालसिंह 
सभी जिलों को समयबद्ध कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश 
भोपाल: 09 जून 2023
संभाग आयुक्त मालसिंह ने संभाग के सभी जिलों में बाढ़ और अतिवर्षा की स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना और तैयारी की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए हैं कि 15 जून तक सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय हो जाएं और प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए त्वरित एक्शन के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। संभाग आयुक्त वीसी रूम में हुई बैठक में आईजी अभय सिंह, सभी जिला कलेक्टर और एसपी, होमगार्ड कमाडेंट, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री  वीएस महोबिया सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त ने कलेक्टर्स से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों के सभी जलाशयों की स्थिति का आकलन कर लें और अतिवर्षा की स्थिति में जलाशयों से पानी छोड़ने की विस्तृत और समयबद्ध रणनीति बनाएं। उन्होंने कहा कि अचानक पानी छोड़ने की स्थिति नहीं आना चाहिए और डेम की लगातार मॉनीटरिंग कर ऐसी प्लानिंग होना चाहिए कि बाढ़ की स्थिति ही पैदा नहीं हो। उन्होंने हर डेम के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी बनाने के भी निर्देश दिए।
संभाग आयुक्त ने नदी-नालों और जल भराव वाले सभी क्षेत्रों सहित पुल-पुलियों और बसाहट में हुए अतिक्रमण की पहचान कर उसे हटाने तथा नालों आदि की सफाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ राहत और बचाव के लिए आवश्यकतानुसार अलग-अलग दल बनाकर हर जिले में व्हाटसएप ग्रुप भी बनाने के लिए कहा है। कमिश्नर ने बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में स्वास्य्ं अमले, खाद्यान्न आदि की व्यवस्था के साथ अस्थायी आश्रय स्थलों का अभी से चयन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रत्येक टीम के आपसी समन्वय और प्रशिक्षण के निर्देश भी दिए। उन्होंने पुलिस, राजस्व, नगर निगम और नगर पालिका, जल संसाधन, लोक निर्माण, आपदा प्रबंधन आदि विभागों को तत्काल प्लान बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जल संसाधन विभाग से कहा गया है कि बांधों, जलाशय से पानी छोड़ने के पूर्व उसकी सूचना संबंधित जिले के कलेक्टर, एसडीएम, रेल्वे अधिकारी को दी जाए। वर्षाकाल प्रारंभ होने के पूर्व कार्यपालन यंत्री, जलद्वारों की मरम्मत, ग्रीसिंग कार्य, विद्युत व्यवस्था, अतिवर्षा की स्थिति में बांधों पर पर्याप्त स्टाफ, जल स्तर की जानकारी डाटा सेंटर को उपलब्ध कराने के साथ ही बांध पर वर्षा माप के आंकड़े प्रति घंटा / प्रतिदिन एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं।
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