चित्रकूट: गायत्री जयंती और गंगा दशहरा का पावन पर्व गायत्री शक्तिपीठ में गायत्री यज्ञ और जप के साथ मनाया गया। इसी के साथ गायत्री परिवार के सदस्यों द्वारा मंदाकिनी नदी में सफाई का कार्य भी किया गया। गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डाॅ रामनारायण त्रिपाठी ने बताया कि इस दिन माता गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था तथा स्वर्ग से जनमानस का परिष्कार करने के लिए गायत्री महाविद्या का अवतरण हुआ था। इसीलिए इसे गंगा दशहरा और गायत्री जयंती दोनों ही रूपों में मनाया जाता है। बताया कि इस दिन गंगा स्नान व गायत्री साधना दोनों के द्वारा पापों का नाश होता है। बताया कि गंगा हमारे तन के पापों को नष्ट करती हैं तथा गायत्री मानस पापों को दूर करती हैं।