शिविर में पहुंचे Divyang को कृत्रिम व सहायक उपकरण का वितरण किया गया
भितरवार । घाटीगांव बीआरसीसी भवन के प्रांगण में बुधवार को शासकीय विद्यालयों के चिंहित Divyang बच्चों को शिविर में नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण शिविर का आयोजन किया गया। शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा अग्रवाल ए पी सी जिला शिक्षा केंद्र ग्वालियर एवं अध्यक्षता बीआरसीसी शशि भूषण श्रीवास्तव ने की।

सर्वप्रथम अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। शिविर में पहुंचे Divyang को कृत्रिम व सहायक उपकरण का वितरण किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि सरकार दिव्यांगों के विकास के लिए कई योजनाएं लाई है,जिसका फायदा भी उन्हें मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि Divyang कौशल विकास का प्रशिक्षण लेकर किसी भी क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं, प्रशासन उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया कराएगी उन्होंने ने दिव्यांगों को कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनते हुए आर्थिक रूप से मजबूत होने की बात कही।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बीआरसीसी शशि भूषण श्रीवास्तव ने कहा कि दिव्यांग खुद को दूसरों से कम नहीं समझें,उनमें जो खूबियां हैं वह साधारण इंसान में नहीं होती। दिव्यांग अपने हौसले के बल पर सब कुछ हासिल कर सकते हैं। दिव्यांग होने के बावजूद अपने हौसले के बल पर आम आदमी से बेहतर काम के कई उदाहरण भी हैं।
दिव्यांगो को अपनी इच्छा शक्ति को बुलंद रखकर अपनी मंजिल निर्धारित कर उस ओर बढ़ना चाहिए
उन्होंने कहा कि दिव्यांगो को चाहिए कि वे इच्छा शक्ति को बुलंद रखकर अपनी मंजिल निर्धारित कर उस ओर बढ़ें और खुद को साबित करके समाज के लिए प्रेरणा बनें। दिव्य अंग के कारण ही आपको दिव्यांग शब्द से संबोधित किया जाता है। आप सामान्य मनुष्य से किसी भी सूरत में कम नहीं हैं।

इस अवसर पर एमआरसी राकेश सिकरवार ने कहा कि दिव्यांग किसी मायने में किसी से कम नहीं होते। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों पर दया करने या सहानुभूति दिखाने से उनकी भावना आहत होती है। उन्हें सिर्फ सहयोग और समानता चाहिए। किसी की अगर शारीरिक रूप से कोई कमी होती है,तो उसकी छठी इंद्रीय अपने आप सक्रिय हो जाती है।
यदि कोई शारीरिक कमजोरी से दौड़ नहीं सकता तो पढ़-लिख कर वैज्ञानिक आदि बन सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां दिव्यांगों ने अपनी कुशलता और काबिलियत से सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग खुद को कभी कमजोर न समझें। उनमें न क्षमता की कमी है और न ही प्रतिभा की।
उन्होंने बताया कि 17 जुलाई को शा उ मा वि बरई प्रांगण में शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें से चिंहित 32 दिव्यांगों को राज्य शिक्षा केंद्र एवं एलिम्को संस्था के सहयोग से 45 उपकरण वितरित किए गए हैं।
इस अवसर पर डॉ कमल नयन एलिम्को जबलपुर , डॉ नंदन कुमार ऑडियोलोगिस्ट , डॉ सलमान (पी & ओ ) , श्री विवेक कुमार टेकनिशियन , श्री राकेश सिकरवार (एम आर सी ), एवं समस्त कार्यालयीन स्टाफ आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन श्री भरत शर्मा द्वारा किया गया।
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