आदिवासी कन्या छात्रावास में छात्राओं को किया जाता है प्रताड़ित छात्रावास प्रभारी कर्मचारी मामले को दबाने में कर रहे प्रयास
सिंगरौली आदिवासी छात्रावास कन्या मैं छात्राओं को किया जाता है प्रताड़ित नहीं है इनका कोई समय नहीं जब मन करता है तब छात्राएं बाहर जाती है जब मन करता है तब छात्राएं अंदर आती है यहां पर कोई नियम कानून नहीं है आए दिन छात्राओं के साथ महिलाओं के साथ घटना घटित होने का मामला सामने दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है ऐसे में अगर प्रशासन शांत बैठी रही तो कभी भी आए दिन छात्रावास कन्या में छात्राओं के साथ घटना घटित हो सकता है ऐसा ही मामला आज दिनांक को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णिमा सिंह आदिवासी कन्या छात्रावास पहुंची और मामले में जानकारी लेना चाहिए आखिर छात्राओं के साथ अन्याय क्यों हो रहा है तब ऐसी स्थिति में छात्रावास कन्या में कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी नहीं रहे छात्राएं सभी डर के मारे दरवाजा बंद करके अंदर छुपी हुई थी यहां पर आसपास देखा गया तो कोई भी आदिवासी कन्या छात्रावास से संबंधित कोई भी प्रभारी अध्यक्ष सचिव नहीं दिखा तब आदिवासी कन्या छात्रावास में उपस्थित दो महिलाएं थी जिनके द्वारा कहा गया कि यहां पर छात्राओं के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है दो नंबर का काम यहां पर होता है छात्राओं को खाने-पीने की सामग्री उचित मात्रा में नहीं दी जा रही है यहां तक कि कुछ भी इनको उचित मात्रा में नहीं मिल पा रहा है जिससे छात्राएं हमेशा परेशान नजर में दिखती हैं अगर हम लोग आवाज भी उठाएंगे तो हमारे ऊपर बैठे कर्मचारी अधिकारी हम लोगों को नौकरी से निकाल देंगे ऐसा जवाब महिलाओं के द्वारा दिया गया
क्या बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रही प्रशासन आखिर ऐसे कर्मचारियों पर कार्यवाही करने से क्यों कतरा रह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्रा पूर्णिमा सिंह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कही कि यहां पर कोई भी नियम कानून नहीं है यहां पर छात्राओं के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है इसमें बैठे कर्मचारी अधिकारी प्रशासन कुछ भी नहीं कर रहे अगर ऐसा ही रहा तो आए दिन कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है जिसके जिम्मेदार स्वयं प्रशासन होगी
सिंगरौली-आदिवासी कन्या छात्रावास में छात्राओं को किया जाता है प्रताड़ित-आंचलिक ख़बरें- अजय शर्मा के साथ अजय पांडे
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