रामदयाल शुक्ला के निधन से शोकाकुल हुआ विंध्य क्षेत्र-आंचलिक ख़बरें-महेश प्रसाद मिश्रा

News Desk
4 Min Read
logo

रिक्तता की शीघ्र भरपाई संभव नहीं– मनोज द्विवेदी

अनूपपुर / उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश स्व राम दयाल शुक्ला के आकस्मिक निधन से उपजी रिक्तता की भरपाई हाल फिलहाल संभव नहीं लगती। वे सही मायने में विंध्य रत्न रहे है। भारत विकास परिषद अनूपपुर के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार मनोज द्विवेदी ने शोक प्रकट करते हुए कहा है कि संयुक्त शहडोल जिले के अनूपपुर जनपद के छोटे से ग्राम पकरिहा से निकल कर स्व रामदयाल जी ने न्यायदान का कार्य करते हुए अपने जीवन काल में सामाजिक ,राजनैतिक रुप से जिस सक्रियता का परिचय दिया वह विरले ही देखने को मिलता है।
जानकारी हो कि श्री शुक्ला ने ८९ वर्ष की आयु मे भोपाल में १७ दिसम्बर को अन्तिम सांसे लीं। उनके निधन से विंध्य क्षेत्र के साथ समूचे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गयी। पकरिहा उप सरपंच विष्णु शुक्ला एवं अनूपपुर के अजय मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार
श्री राम दयाल शुक्ला का जन्म ग्राम पकरिहा में १९३४ में कृषक सुखदेव राम गर्ग के परिवार में हुआ। इनकी प्राथमिक शिक्षा पकरिहा एवं माध्यमिक शिक्षा बुढार में हुई। रीवा टी आर एस कालेज से इन्होंने एम ए , एल एल बी किया। यहाँ उन्होंने छात्र संघ का चुनाव भी लडा तथा अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
१९५९ में उन्होंने बुढार न्यायालय से वकालत का कार्य प्रारंभ किया। वकालत करते हुए वे राममनोहर लोहिया के संपर्क में आए।पूर्व मंत्री एवं पूर्व राज्यपाल स्व कृष्णपाल सिंह से इनकी अभिन्न मित्रता के कारण तब के कुछ राजनैतिक धुरंधरों की आंख की किरकिरी भी बन गये। सोशलिस्ट पार्टी ( बरगद छाप) से जुडकर उन्होंने राजनैतिक/ सामाजिक कार्य किया। १९५७ एवं १९६२ में उन्होंने कोतमा विधानसभा से मृगेन्द्र सिंह के विरुद्ध चुनाव भी लड़ा लेकिन पराजित हुए।
विशेष उल्लेखनीय है कि १९७२ में लोक अभियोजन की चयन समिति से चयनित हो कर वे सीधे ए डी जे के पद पर मण्डला में पदस्थ हुए। १९८४-८५ में उन्हे ला सेक्रेटरी के पद पर कार्य करने का अवसर मिला। १९९२- ९५ तक जबलपुर उच्च न्यायालय की इन्दौर खण्ड पीठ में मुख्य न्यायाधीश बने। सेवा निवृत्ति के पश्चात उन्होंने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर दो वर्ष का कार्यकाल पूरा किया।
स्व रामदयाल जी का विवाह जैतहरी जनपद अन्तर्गत ग्राम धिरॊल के पाण्डेय परिवार में हुआ। उनके चार पुत्र ,तीन पुत्रियों का भरापूरा परिवार है। सभी पुत्र बुढार, शहडोल, भोपाल में वकालत करते हैं। उनकी एक पुत्री एडीजे श्योपुर में पदस्थ हैं ।
** इन्होंने जताया शोक —
******** स्व रामदयाल शुक्ला जी के निधन से दुखी सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह, विधायक जय सिंह मरावी, बिसाहूलाल सिंह, फुन्देलाल सिंह, सुनील सराफ, मनीषा सिंह, पूर्व विधायक रामलाल रोतेल, सुदामा सिंह , मनोज अग्रवाल ,जुगुलकिशोर गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश गॊतम, कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, कामरेड हरिद्वार सिंह,शंकर प्रसाद शर्मा, अनिल गुप्ता, प्रेमकुमार त्रिपाठी, ओमप्रकाश द्विवेदी, सामाजिक समरसता शहडोल प्रमुख राजेन्द्र तिवारी, भारत विकास परिषद विंध्य प्रांत के महामंत्री डा देवेन्द्र तिवारी, नमो एप संभागीय प्रभारी एवं भारत विकास परिषद + जय भारत मंच के अनूपपुर अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, वरिष्ठ समाजसेवी अजय मिश्रा, पकरिहा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं उप सरपंच विष्णु कांत शुक्ला, म प्र श्रमजीवी पत्रकार संघ के शहडोल संभाग अध्यक्ष अजीत मिश्रा, अनूपपुर जिलाध्यक्ष मुकेश मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द बियाणी, प्रेम अग्रवाल, राजेश पयासी, राजेश शुक्ला, मनोज शुक्ला, अजय मिश्रा, चैतन्य मिश्रा, राजनारायण द्विवेदी, राजन कुमार, रामचन्द्र नायडू,सुधाकर मिश्रा,किशोर सोनी, आदर्श दुबे, आनंद पाण्डेय, आकाश नामदेव,आशीष द्विवेदी, एडवोकेट देवेन्द्र मिश्रा, पुष्पेन्द्र मिश्रा, राजेन्द्र गुप्ता, बुद्ध सेन प्रजापति,तापस शुक्ला के साथ अन्य लोगों ने शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।

Share This Article
Leave a Comment