ढीमरखेड़ा वन परिक्षेत्र में तेंदुए का शिकार करने और अंगों की तस्करी के मामले में चल रहे थे फरार,एक अन्य को बनाया आरोपी, दो आरोपी अभी भी फरार
जिला कटनी – वन परिक्षेत्र ढीमरखेड़ा के खमतरा सर्किल अंतर्गत जामुनचुआ बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ 384 में वयस्क नर तेंदुए का शिकार करने और अंगों की तस्करी करने के मामले में वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आवश्यक कार्रवाई के बाद वन विभाग की टीम ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जहा से दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया। वन विभाग की टीम ने आरोपियों की निशानदेही पर खेत से वन्यप्राणी के चारों पंजों ,नाखून के साथ जबड़ा भी जब्त किया गया। ढीमरखेड़ा रेंजर अजय मिश्रा ने बताया कि बीते 1 मार्च को जामुनचुआ के जंगल में खैरानी गांव के पांच आरोपियों के द्वारा खूंटी गड़ाकर, जीआईआर फैलाकर, कंरट लगाकर नर तेंदुए का शिकार किया। तेंदुए के शरीर के अंग निकालकर वन्य प्राणी को पत्थरों के बीच छिपा दिया गया।मामले पर फरार चल रहे आरोपी मायाराम सिंह को शुक्रवार को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया।पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि खैरानी निवासी श्यामलाल पिता सोन शाह के खेत में तेंदुए के अंग दबे हुए हैं। आरोपी को निशानदेही पर वन विभाग की टीम ने खेत में एक गढ्ढे से कपड़े में बधी पोटली से तेंदुए के अंग जब्त किया।जिस पर वन विभाग की टीम शयाम लाल को मामले पर आरोपी बनाया। दोनों को न्यायालय में पेश किया। उन्होंने बताया कि मामले पर फरार चल रहे खैरानी निवासी वीरन सिंह को भी बीते 2 मई को गिरफ्तार किया,जो जेल में है। जबकि घटना के दौरान गिरफ्तार किए गए आरोपी श्याम सिंह को भी जेल भेजा जा चुका है। मामले के अभी भी दो आरोपी (सीताराम सिंह पिता मानसिंह और लेखसिंह पिता कमल सिंह)फरार हैं।
नागपुर से लौटा था आरोपी:- रेंजर अजय मिश्रा ने बताया कि उक्त मामले पर वन मंडलाधिकारी रमेशचंद्र विश्वकर्मा के निर्देशन में दो अलग-अलग टीम बनाई गई हैं। आरोपी मायाराम तेंदुए का शिकार करने के बाद नागपुर काम करने भाग गया था। जैसे ही आरोपी नागपुर से वापस लौटा। मुखबिर तंत्र की सूचना पर खैरानी गांव से ही आरोपी को पकड़ा गया है। कार्रवाई में रेंजर अजय मिश्रा, डिप्टी रेंजर शकुंतला गौंड, मोहम्मद खालिक, वनरक्षक प्रदीप तिवारी, राजेश सोनी, राजेश शर्मा, तथागत वत्स, विपिन सिंह, शुभम पांडे, रामलखन गुर्जर सहित अन्य वनकर्मी व सुरक्षा श्रमिक शामिल रहे।