शासन की उपेक्षा पर जताया तीव्र आक्रोष
हड़ताल के 19 दिन पूरे होने के बाद भी सरकार ने नहीं की मांगे पूरी
झाबुआ। मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेष सरकार की लगातार उपेक्षा के चलते किए जा रहे आंदोलन में संविदा कर्मचारियों में लगातार आक्रोष बढ़ता ही जा रहा है। शासन द्वारा संविदाकर्मियों की प्रदेषभर में अनिष्चितकालीन हड़ताल के 19 दिन बाद भी मांगे पूरी नहीं किए जाने के विरोध स्वरूप 2 जनवरी, सोमवार दोपहर जिला चिकित्सालय परिसर में संविदाकर्मियों ने कोरोनाकाल के दौरान संविदाकर्मियों को प्रदान किए गए प्रमाण-पत्रों की जमकर नारेबाजी के साथ सामूहिक होली जलाई।
जानकारी देते हुए मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष डाॅ. लोकेष दवे ने बताया कि संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का 2 जनवरी, सोमवार को 19वां दिन है। कर्मचारियों में आक्रोश का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने वर्ष 2018 में जो नीति संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बनाई थी, उसका लाभ संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को को छोड़कर अन्य करीब 10 विभागों को मिल गया है। मांगों को लेकर पिछले वर्ष भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर रहे थे, उस दौरान 15 दिन में मांगों के निराकरण का वादा सरकार की ओर से किया गया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। इस बार भी लगातार आश्वासन पर ही हड़ताल समाप्त करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी ताकत के साथ में इस लड़ाई को लड़ने हेतु कटिबद्ध हैं और जब तक मांगो का निराकरण नहीं किया जाता, तब तक प्रदेषभर के 32 हजार संविदाकर्मी पूरी तरह लामंबद ही रहेंगे।
कोविड प्रमाण-पत्रों की जलाई होली
इसी बीच 2 जनवरी, सोमवार दोपहर जिला चिकित्सलय परिसर में सभी महिला-पुरूष संविदाकर्मियों ने संघ के जिलाध्यक्ष डाॅ. लोकेष दवे के नेतृत्व में मप्र सरकार की उपेक्षा के खिलाफ जमकर विरोध प्रकट करते हुए नारेबाजी के साथ पिछले कोरोनाकाल में उत्कृष्ट सेवाओ हेतु प्रदान किए गए कोविड प्रमाण-पत्रों की होली जलाई। जिसके माध्यम से मामा को संदेष दिया गया कि वहे अपना किया हुआ वादा जल्द ही निभाएं।