प्रभावियों की दबंगई की वजह से आदिवासी विधवा नहीं बना पा रही घर-आंचलिक ख़बरें-प्रमोद कुमार मिश्रा

News Desk
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शासन प्रशासन व प्रभावी व्यक्ति द्वारा आदिवासी विधवा महिला अपनी जमीन पर घर नहीं बना पा रही है

उत्तर प्रदेश चित्रकूट के मऊ तहसील अंतर्गत व थाना बरगढ़ का ग्राम सभा भोझा में मजरा नोडिया अरवारी निवासी हरिजन महिला कुसुम कली पत्नी देव मुनि 50 साल से अपने आवास में रहती है लेकिन इनके पीछे मलय द्विवेदी जो प्रभावी व्यक्ति हैं उनका 14 बीघा का कामधेनु डेयरी व भूमि धरी जमीन है कुसुम कली का इन्हीं के मौके पर एक बीघा जमीन द्विवेदी ने पहले मांगा था ना देने के कारण आज गरीब व विधवा असहाय महिला को मलय द्विवेदी द्वारा मकान ना बनने देना एक वजह बन गई है . लेखपाल उन्हीं की चार पहिया गाड़ी में पहली बार गया तो डेढ़ बीघा आबादी हरिजनों की नापी जिसमें 12 ईयर जमीन कुसुम कली के जमीन की आवास की तरफ बढ़ा दी और जमीन मलय द्विवेदी के भूमिधारी में उसे मिलाना चाहते हैं. लेखपाल ने मलय द्विवेदी के पक्ष में हो कर मलय द्विवेदी के कहने पर गरीब महिला को मकान बनाने से रोक दिया और दूसरी बार कानूनगो नसीम अख्तर व अश्वनी लेखपाल गए तो फिर से मले द्विवेदी के पास 2 घंटे बैठे उनको क्लास दिए इसके बाद फिर चले आए कोई सुनवाई नहीं हो रही थी तब पीड़ित महिला एसडीएम राजबहादुर के सामने पेश होती हुई जहाँ एसडीएम साहब ने लेखपाल को बुलाया एसडीएम के पूछने पर लेखपाल बताता है कि उसमें कुछ सरकारी जमीन भी है शायद जिसे तुमने कुसुम कली के घर की तरफ बढ़ा कर बवाल कर दिए हो जाओ जितनी आबादी अलग है निकालो, सरकारी जमीन अलग निकालो और मले द्विवेदी की भूमि पूरी भूमि धरी की रिपोर्ट दो लेकिन चौथे दिन फिर से एसडीएम के कहने पर लेखपाल अश्विनी कुमार कानूनगो र ई नसीम अख्तर साहब वह दो सहयोगी लेखपाल को लेकर मीडिया के समक्ष जमीं नापने के लिए मौके स्थल पर गए लेकिन फिर से गरीब महिला की तरफ ना जाकर मलय के पास 2 घंटे बैठे रहे और क्लास देते रहे पीड़ित महिला द्वारा बुलाने पर लेखपाल फिर से बदल गए और बोले तीसरे दिन शुक्रवार को दोबारा जमीं नपेगी जबकि एसडीएम राजबहादुर उसी दिन जमीं नापने को कहते रहे और मलय द्विवेदी 3:30 बजे कहीं चले जाते हैं और उसी समय फोन पर झूठ बोलते हैं कानूनगो साहब की मलय द्विवेदी जी मौके पर नहीं हैं और उनकी भूमि धरी है बिना हम उनके आदेश के नाप नहीं सकते वहां पर मीडिया कर्मी तथा गांव के लोग मौजूद थे मलय द्विवेदी ने पहले ही अरवरी मजरा में अपनी भूमि धरी जमीन को 5 साल पहले ही तार व खंभे द्वारा 6 फुट की ऊंचाई से घिरा लिया है . कुसुम कली मलय द्विवेदी की बाउंड्री से 3 फुट छोड़कर पीछे मकान बनवा रही है आज 10 दिन हो गया आदिवासी महिला को बराबर बिना स्टे के थानेदार दो बार जाकर काम रोकते हैं तहसीलदार संजय अग्रहरी 1 दिन में उसी मामले में उसी का काम जांच करने को तथा उसी के काम उसी आदेश में मलय द्विवेदी को काम रोकने का आदेश जारी करते हैं और गरीब आदिवासी महिला का मकान नहीं बन पा रहा है क्योंकि बरगढ़ के पाठा की कोल जनजाति बहुत ही गरीब जाती है सरकार उनके लिए बहुत दिया है लेकिन ऐसे ही अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा कुछ भी नहीं पाते गरीब महिला का कहना है कि मलय द्विवेदी बहुत बड़े आदमी और प्रभावशाली आदमी हैं सभी कर्मचारी अधिकारी उनकी ही सुनते हैं और मुझे 15 दिन हो गया न्याय नहीं मिला तो हम अनशन करेंगे मलय द्विवेदी ने कुसुम कली के खसरे में बेल का पेड़ दर्ज है जो उसकी जमीन में है घर बनाने के लिए काटने पर मलय द्विवेदी ने महिला व उसके परिवार को परेशान करने के लिए तहसील में धार्मिक मुद्दा बनाकर जुलूस निकाला तथा जुलूस में मीडिया द्वारा अरवरी मोड के श्रीकांत द्विवेदी से पूछने पर उन्होंने कहा मैं बेल का पेड़ काटने की ही बात जानता हूं और इनके जमीन के बारे में मैं कुछ नहीं जानता उन्होंने बताया मलय जी ने मुझे जमीन के बारे में कुछ नहीं बताया जब उन्होंने सुना क्योंकि वह भी प्रमुख रह चुके हैं तो उन्होंने कहा कि गरीब के साथ अन्याय होता है और वह बयान देकर के वहां से चले गए।

चित्रकूट उत्तर पदेश से प्रमोद कुमार मिश्रा की रिपोर्ट देखते रहिये आपका अपना चैनल आंचलिक ख़बरें अपनों की खबर आप तक

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