हिंदू एकता महाकुंभ में पहुंचे मोहन भागवत-आंचलिक ख़बरें-प्रमोद मिश्रा

News Desk
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धर्मनगरी चित्रकूट में तीन दिवसीय हिंदू एकता महाकुंभ का आयोजन हुआ है जिसमें दूसरे दिन देश के कोने कोने से साधु संत व सभी पीठो के पीठाधीश्वर और आचार्य मौजूद रहे जिनकी उपस्थिति में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ सर संचालक मोहन भागवत मौजूद रहे जिन्होंने दीप प्रज्वलित करते हुए हिंदू एकता महाकुंभ का शुभारंभ किया है इस दौरान मंच में पद्मभूषण से सम्मानित जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज, श्री श्री रविशंकर महाराज, साध्वी रितंभरा दीदी मां,वासुदेवा नंदन, सरस्वती महाराज,जगद्गुरु निर्बकरचार्य,स्वामी परमात्मानंदन जी, गगोविन्दगीरी जी महाराज, रामविलासदास वेदांती सहित तमाम साधु संत और आचार्य मौजूद रहे जिनका स्वागत 11सौ संखो से शंखनाद कर उनका स्वागत किया गया है वही इस हिंदू एकता महाकुंभ में वनवासी राम,भारत माता का पूजन सामूहिक वंदे मातरम गायन, राष्ट्रीयता अस्मिता का प्रतीक श्री राम मंदिर, धर्मांतरण, हिंदुओं के मठ मंदिर पर अधिग्रहण, राष्ट्रवाद, लव जिहाद, हिन्दुतत्व,आर्ट ऑफ लिविंग और धर्मांतरण जैसे आदि मुद्दों पर साधु संतों ने अपने विचार रखे हैं । वही मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों का उद्बोधन करते हुए कहा है कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए हम सभी को स्वार्थ और अहंकार को छोड़ना होगा, हिंदू धर्म की संस्कृति
को बचाने के लिए हम सब को संकल्प लेना होगा जो संकल्प की लाइने है कि हम पवित्र हिन्दू धर्म की संस्कृति सुरक्षा संवर्धन के लिए आजीवन काम करुगा, जो हिन्दू धर्म छोड़ कर चले गए उनकी घर वापसी कराकर परिवार में फिर सामिल कराएंगे,
हिंदू बहनों की सुरछा सम्मान की रच्छा के लिए सर्वथा अर्पण करेगे जाति भाषा वर्ग पंथ से अलग हट कर हिंदू समाज को मजबूत करने को काम करेगे देव और राक्षसों की एक कहानी सुना कर विपक्षियों पर निशाना साधते हुए किसी भी पार्टी कब कहा कि किसी भी पार्टी को राज्य प्राप्त करने के लिए देवों का रास्ता ही चिन्ना हो गया है ।

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