कॉलेज मार्ग पर बन रहे रोड की गुणवत्ता पर शक होने से कार्य कर रही कंपनी के इंजीनियर से जब लेब रिपोर्ट मांगी गई तो वह उपलब्ध कराने की बजाय उन्होंने अपने कार्य को उच्च स्तर का बताया लेकिन वह लैब रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करा पाए।
डामर रोड बनते समय उस रोड में उपयोग होने वाली चूरी में डामर की मात्रा बहुत ही कम थी । जहां रोड बनाया गया है उस मार्ग पर छात्रावास बना हुआ है कॉलेज के छात्रों द्वारा वहां से आवागमन किया जाता है। उसी रोड पर कोचिंग संस्थान भी है जिससे वहां व्यस्तता ज्यादा रहती है। रोड बनाने वाली कंपनी से जब छात्रावास के सामने गती अवरोधक बनाने की बात कही गई तो इंजीनियर का कहना था कि बीना शासन की अनुमति के हम यहां गति अवरोधक नहीं बना सकते हैं।
सोचने वाली बात यह है कि सुरक्षा की दृष्टि से अवरोधक बनाने में नियम आड़े आ रहे हैं । रोड भी पुराने रोड पर ही बनाया गया है और पहले से बने हुए रोड पर कई जगह रोड को छोटा कर दिया है।
इस तरह के कार्य से दुर्घटना की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। नए रोड पर तेज गति से वाहन चलाने वालों को रोकने वाला कोई नहीं है। अगर रोड पर छात्रावास के आसपास गति अवरोधक बनाया जाता है तो वाहन चालक भी यहां से धीरे निकलते इससे दुर्घटना घटने की संभावना कम होती। लेकिन इंजीनियर द्वारा ना तो लेब रिपोर्ट दी गई और गति अवरोधक बनाने के लिए नियम के तहत ना कर दिया गया।
शिवराज मामा छात्र छात्राओं की सुरक्षा और अच्छे इंतजाम के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। लेकिन विद्यार्थियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए नियम का हवाला देते हुए खिलवाड़ किया जा रहा है।