कैबिनेट मंत्री Dr. Sanjay Nishad ने कहा सपा और बसपा ने मछुआ आरक्षण के मामले पर मछुआ समाज को गुमराह करने का काम किया है
चित्रकूट। निषाद पार्टी सुप्रीमो एवं कैबिनेट मंत्री Dr. Sanjay Nishad ने सोमवार को जनपद का दौरा किया। कैबिनेट मंत्री Dr. Sanjay Nishad ने सोमवार को राजापुर में आयोजित संवैधानिक मछुआ एससी आरक्षण जनसंपर्क अभियान सभा के तहत आगामी 13 जनवरी को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली मैदान में निषाद पार्टी द्वारा आयोजित महाजनसभा में मछुआ समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भदोही के मछुआ समाज से लखनऊ पहुंचने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पूर्व की सपा और बसपा की सरकार ने मछुआ आरक्षण के मामले पर मछुआ समाज को गुमराह करने का काम किया है। उत्तर प्रदेश में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार आती है तो मछुआ समाज की सभी उपजातियों को एससी से निकालकर पिछड़ी में डाल दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में डाल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर शिल्पकार जाती नहीं जातियों का समूह है। सरकार द्वारा नोटिफिकेशन उत्तर प्रदेश राज्य में भी मझवार जाति नहीं जातियों का समूह है नोटिफिकेशन जारी किया जाना था, किंतु पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार ने मछुआ समाज की सभी उपजातियां को पिछड़ी जाति में बताकर अनुसूचित में डालने का काम किया,
Dr. Sanjay Nishad ने बताया कि राज्य सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया को मछुआ आरक्षण के सम्बन्ध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई थी
जिससे आरक्षण का मुद्दा और उलझ गया है। Dr. Sanjay Nishad ने बताया कि आजादी से पूर्व और आजादी के बाद भी उत्तर प्रदेश राज्य में मछुआ समाज की सभी उपजातियां की गिनती मझवार और तुरैहा में कराई जाती रही है, किंतु पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज के दोहन के लिए बिना संसद में संशोधन के बिना मछुआ समाज की सभी उपजातियों को अनुसूचित से निकलकर पिछड़े में डाल दिया और पूर्व की सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर केवल वोट बैंक को राजनीति की गई है।
Dr. Sanjay Nishad ने बताया कि राज्य सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया को मछुआ आरक्षण के सम्बन्ध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई थी, आरजीआई ने पत्र के उत्तर में कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य में केवट, मल्लाह, बिंद समेत 17 जातियां मछुआ समाज की उपजातियां है। उन्होंन कहा कि मछुआ समाज को कभी मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ नही मिला है।
पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज को योजनाओं से वंचित रखा है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (मत्स्य पालन क्षेत्र में), निषाद राज बोट योजना, मछुआ कल्याण कोष, प्रधानमंत्री मछुआ बीमा योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिससे मछुआ समाज को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है।
आंचलिक खबरे, अश्विनी श्रीवास्तव
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