अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उठाई आवाज.
अनूपपुर / शासकीय तुलसी महाविद्यालय अव्यवस्था का शिकार हो कर रह गया है। छात्र छात्राओं ने प्रभारी प्राचार्य को मांग पत्र सौंप कर आरोप लगाया है कि महाविद्यालय प्रशासन साज सज्जा, गैर शैक्षणिक कार्यक्रमों में रुचि ले कर आए दिन आयोजन करती है। जिसके कारण पढाई प्रभावित हो रही है। यहाँ तक कि महाविद्यालय में शौचालय की सुविधा ना होने के कारण छात्र छात्राओं को बाहर जाना पडता है। यह अत्यंत लज्जाजनक तथा शर्मनाक स्थिति है।
छात्र छात्राओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले मांग की है कि प्रथम वर्ष के यूजी व पीजी के छात्र/छात्राओं से उनके ईमेल आईडी व साथ ही महाविद्यालय प्रशासन द्वारा पासवर्ड लिया जा रहा है ,जो कि गलत है। विगत वर्ष महाविद्यालय प्रशासन नेक कराने में असफल रहा है क्योंकि शासन द्वारा छात्र/छात्राओं से महाविद्यालय की व्यवस्थाओं को लेकर 20 बिंदुओं पर प्रश्न किए जाते हैं जो कि आपके पास विगत वर्ष छात्र-छात्राओं के पासवर्ड ना होने के कारण उनको भरा नहीं जा सका और ना ही आपने इस विषय को छात्रों से अवगत कराया ! जिससे छात्र-छात्राओं द्वारा इसे स्वयं भर कर शासन को अपना मत दे सके ।
परंतु आप को डर था कि अगर छात्र/छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब वह स्वयं भरेंगे तो आपकी महाविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था व अन्य व्यवस्थाओं का पर्दाफाश हो जाएगा जिसके कारण आप ने शांतिपूर्ण ढंग से इस विषय को स्वयं व प्रशासन तक सीमित रखा व महाविद्यालय को नेक में फैल करा दिया और महाविद्यालय को मिलने वाली करोड़ों रुपए का नुकसान भी करवाया इस वर्ष छात्र/छात्राओं के ईमेल आईडी व पासवर्ड छात्रों को गुमराह करके लिया गया है जिससे शासन द्वारा पूछे जाने वाले शैक्षणिक ,स्टॉप ,पुस्तकालय, व अन्य व्यवस्थाओं के विषय में स्वयं शांतिपूर्ण ढंग से इसे भर सके जोकि छात्र-छात्राओं के अधिकारों का हनन किया है। इसे तुरंत रोका जाए वह छात्र छात्राओं को आईडी व पासवर्ड का गलत इस्तेमाल ना किया जाए।
प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय के साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है वा जिन कार्यों में भ्रष्टाचार करने की अधिक संभावना हो सके इन कार्यों की ओर विशेष ध्यान केंद्रित है। परंतु छात्र-छात्राओं की मूलभूत सुविधाओं शौचालय, लैब, पुस्तकालय, हवन व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है ।आज शौच के लिए छात्र छात्राओं को बाहर जाना पड़ रहा है जोकि एक बेहद शर्मनाक विषय है। वही लैब की व्यवस्था ठप पड़ी हुई है तो पुस्तकालय में अभी भी सेमेस्टर की पुस्तक दिए जा रहे हैं। इतिहास विषय की पुस्तकें ही उपलब्ध नहीं है। इन विषयों पर भी जल्द से जल्द आपना ध्यान केंद्रित कर इनका विषयो का निराकरण किया जाए ।
महाविद्यालय में विगत वर्षों से छात्र-छात्राओं के कक्षाओं के समय ही कार्यक्रम किए जा रहे हैं व इन कार्यक्रमों के माध्यम से व्यापक भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं।
कक्षाओं को रोककर विगत वर्षों के कार्यक्रमों के कारण छात्र-छात्राओं की शिक्षण व्यवस्था पूर्णता चौपट हो चुकी है व हो रही है ।अतः कक्षाओं के समय कार्यक्रमों को बंद किया जाए। अन्यथा परिषद द्वारा कक्षाओं के समय पर किए जा रहे कार्यक्रमों का विरोध व बहिष्कार करने के लिए बाध्य होगी जिसकी समस्त जवाबदारी आपकी होगी ।
विगत वर्ष छात्र-छात्राओं के फीस को दोगुना से अधिक की वृद्धि कर दी गई जिसे कम करने के लिए समय-समय पर परिषद द्वारा ज्ञापन दिया गया था वा आपके द्वारा आश्वासन दिया गया था इसे कम किया जाएगा । परंतु आपके द्वारा नेक के फैल होने के कारण महाविद्यालयों को मिलने वाले करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ जिसकी भरपाई महा. प्रशासन द्वारा अपनी गलतियों को छुपाने के लिए छात्र /छात्राओं से किया जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है ।अतः बढ़ाई गई फीस को कम किया जाए। प्रभारी प्राचार्य द्वारा कक्षाएं ना लेने के कारण हिंदी व हिंदी साहित्य की कक्षाओं के पाठ्यक्रम अभी तक पूर्ण नही हुआ है और कक्षाओं की सीसी लिए जा रहे है व कुछ महीनों बाद परीक्षाएं भी होनी है। हिंदी और हिंदी साहित्य की ug में 08 कक्षाएं pg में 03 कक्षाएं हिंदी में 09 कक्षाएं कुल 20 कक्षाएं प्रतिदिन लगती है परंतु 20 कक्षाओं में पढ़ाने के लिए केवल दो शिक्षक हैं। जिनमें से एक प्रभारी प्राचार्य जी भी है। परंतु प्रभारी प्राचार्य द्वारा एक भी कक्षाएं आज तक नहीं ली गई है। केवल वह कार्यक्रमों में ही व्यस्त रहते हैं। निवेदन है कि कार्यक्रमों से ध्यान हटाकर कक्षाओं पर भी ध्यान दिया जाए और कक्षाओं के कोर्स पूरे किए जाएं ।
कहा गया है कि मांगों की पूर्ति जल्द से जल्द पूरा करने की कृपा करने अन्यथा परिषद द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा जिसकी समस्त जवाबदारी महाविद्यालय प्रशासन की होगी ।