इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली रहमानी को राजकीय सम्मान के साथ भीगी पलको से खाके सुपुर्द कर के अंतिम विदाई दी-आँचलिक खबरें-एस. जेड.मलिक

Aanchalik Khabre
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मौलाना की मौत पर शक गहराया – 15 दिन पहले ली थी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज; 3 दिन पहले हुए थे पॉजिटिव, CM ने जताया शोक।

दोपहर 2 बजे के करीब निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ इंतकाल।

नई दिल्ली – ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जेनरल सेक्रेटरी और इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड और ओड़िशा के अमीर-ए-शरियत वली रहमानी का इंतकाल (निधन) निधन के बाद राजनीतिक एवं सामाजिक हलके में करोना वैक्सीन को ले कर कान फूसि होने लगी है। ज्ञात हो कि वह पटना के बेली रोड स्थित एक बड़े अस्पताल में भर्ती थे। जानकार सूत्रों द्वारा उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उनकी जांच शुरू हुई और उनकी सारी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

80 वर्षीय मौलाना रहमानी ने 18 मार्च को ही IGIMS में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली थी। उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त है। आज उन्हें उनके पैतृक गांव मुंगेर के ही खानकाह रहमानिया मुंगेर में राजकीय सम्मान के साथ भाव-भीनी भीगी पलकों से उनके अंतिम रस्म की अदायगी की गई।

उनके निधन के बाद उनकी पार्थिक शरीर को एंबुलेंस द्वारा सीधे मुंगेर ले जाया गया। साथ में उनका बेटा फहद रहमानी भी मौजूद था l उनके परिवार के सदस्य ने बताया कि उनकी एक बेटी और एक बेटा, जो विदेश में रह रहे हैं, अमीर-ए-शरियत वली रहमानी के इंतकाल के बाद पूरा मुस्लिम समाज में गम का माहौल है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी सोशल मीडिया के जरिए मौलाना के इंतकाल पर कौम से सब्र की अपील की है।

मौलाना को उसी खानकाह रहमानिया के अहाते में खाके सुपुर्द किया गया जहां पहले से उनके वालिद हजरत मौलाना मिन्नतुल्लाह रहमानी की कब्र मौजूद है। मौलाना वली रहमानी के वालिद मौलाना मिन्नतुल्लाह रहमानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य थे।

मौलाना रहमानी इमारत-ए- शरिया के अमीर-ए-शरियत के साथ-साथ रहमानी 30 के संस्थापक और खानकाह रहमानी, मुंगेर के सज्जादानशीं भी थे।

ज्ञात हो कि मौलाना वली रहमानी 1974 से 1996 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे थे तथा 29 जनवरी 1985 से 05 जुलाई 1985 तक बिहार विधान परिषद के सभापति रहे थे।

बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मौलाना रहमानी के निधन पर शोक जताया। जानकारी दी कि रहमानी जी 22 वर्षों तक बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे।

अमीर-ए-शरियत मौलाना रहमानी देश ही नहीं, दुनियाभर में इस्लामी स्कॉलर के रूप में जाने जाते हैं। त्रिपल तलाक और बाबरी मस्जिद सहित कई मामलों में उन्होंने मुस्लिम समाज की राहनुमाई की थी।

बड़े इस्लामी स्कॉलर और इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत हजरत मौलाना वली रहमानी साहब के इंतकाल से न केवल मुस्लिम समुदाय में गम का माहौल है, बल्कि राजनितक गलियारे में भी शोक की लहर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा दुख जताते हुए मौलाना के अंतिम रस्म को सरकारी एजाज (राजकीय सम्मान) के साथ संपन्न कराने का आदेश दिया है। मौलाना के इंतकाल की खबर फैलते ही शोक जताने वालों का तांता लग गया है। लालू, मांझी, तेजस्वी और सैयद शाहनवाज हुसैन ने भी गहरा दुख जताया है।

मौलाना रहमानी के इंतकाल पर पूर्व CM जीतन राम मांझी ने गहरा शोक जताया है। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने शोक संदेश में कहा है कि हजरत मौलाना वली रहमानी साहब आज आप दुनिया से भले ही रुख्सत हो गए, लेकिन आपकी तहरीकात, तहरीरें, इल्म और अमल हमेशा जिंदा रहेंगी। आपकी अमूल्य खिदमात का हमारा सूबा हमेशा कर्जदार रहेगा। परवरदिगार से दुआ है आपको जन्नत में आला मकाम मिले और घरवालों और सभी चाहने वालों को सब्र व हिम्मत। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने शोक संदेश में कहा है कि इमारत- ए- शरीया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली रहमानी साहब के वफात (निधन) की खबर सुनकर मुझे दिली सदमा हुआ है। आप एक मारूफ मजहबी आलिम-ए-दीन थे। खुदा से दुआ है कि आपको मगफिरत फरमा जन्नत में आला मकाम दें। आपके घर वालों और चाहनेवालों को इस रंज और गम को बर्दाश्त करने की हिम्मत दें।
भाजपा के शाहनवाज हुसैन ने भी जताया दुख

बिहार सरकार में उद्योग मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने भी मौलाना रहमानी के इंतकाल पर गहरा दुख प्रकट किया है। SC/ST कल्याण एवं लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री संतोष मांझी, HAM प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने भी शोक जताया है। विधान पार्षद एवं कारवां ए उर्दू के संयोजक प्रोफेसर गुलाम गौस ने भी अमीर-ए-शरीयत हजरत मौलाना वली रहमानी के इंतकाल पर दुःख प्रकट किया है। अपने शोक संदेश में लिखा है-हमारे बीच से इस्लामी दुनिया का एक अद्वितीय चिंतक हमसे जुदा हो गया है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। जमाना उन्हें सदियों याद करेगा।

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