महिला सशक्तिकरण अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 1 दिन के लिए संकेत कलेक्टर बनी दिव्यांग सुदामा चक्रवर्ती
कटनी जिले की ब्लाइंड जूडो कराटे चैंपियन, सुदामा चक्रवर्ती की जिसने आंखों की रोशनी ना होने पर भी, अपने आप को कभी छोटा मेहसूस नहीं किया. और अपने जूडो कराटे की कला से, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कटनी जिले की संकेतिक कलेक्टर एक दिन के लिए बनी।
कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम दशरमन मैं जन्मी, सुदामा चक्रवर्ती जो कि बचपन से ही आंखों की रोशनी से वंचित रही, और उनके परिवार की हालत भी खराब रही, लेकिन सुदामा ने हार ना मानते हुए, ब्लाइंड जूडो कराटे प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, और चैंपियन बनकर गोल्ड ब्राउन सिल्वर पदक जीते.
उनकी प्रतिभा ने उनको 2014 से जूडो कराटे चैंपियनशिप की भागीदारी लेते लेते, कटनी के सांकेतिक कलेक्टर के मुकाम तक पहुंचा दिया.
बता दें कि, सुदामा चक्रवर्ती जो कि बचपन से ब्लाइंड थी. 2014 में उन्होंने तरूण सेवा संस्थान सिहोरा की ओर से गोवा में ब्लाइंड जूडो कराटे चैंपियनशिप खेलने गई. और वहां पर गोल्ड मेडल प्राप्त किया. उसके बाद लखनऊ में ब्राउन मेडल, सिल्वर मेडल एवं अपनी प्रतिभा से अनेकों, अविश्वसनीय मुकाम प्राप्त किए. ब्लाइंड जूडो कराटे चैंपियन सुदामा ने बताया कि, इस जूडो कराटे चैंपियन बनने में स्थानी संवाददाताओं द्वारा खबरें प्रकाशित किया गया था. जिसके फल स्वरुप में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, कटनी की संकेतिक कलेक्टर एक दिन के लिए बनाई गई हूं। चर्चा के दौरान सुदामा ने बताया की मेरे इस मुकाम तक पहुंचने में, तरूण सेवा संस्थान, एवं मेरे माता-पिता के अलावा, स्थानीय मीडिया कर्मियों एवं पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान है. जिन्होंने मेरी प्रतिभा को जिले सहित पूरे प्रदेश में दिखाया. जिसके फल स्वरुप में एक दिन के लिए कटनी की सांकेतिक कलेक्टर बनाई गई हूं,और एक दिन की सांकेतिक कलेक्टर बनने पर, मेरी मंशा है की जिले को नशा मुक्त कराया जाए. जिससे समाज में होने वाली घरेलू हिंसा एवं, महिलाओं के प्रति अपराध को रोका जा सके. बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ब्लाइंड जूडो कराटे चैंपियन सुदामा चक्रवर्ती, कटनी जिले की कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा से एक दिन के साथ सांकेतिक कलेक्टर का पदभार ग्रहण किया। सुदामा ने बताया है कि, मुझे एक दिन की सांकेतिक कलेक्टर बनाने पर मैं कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का हृदय से धन्यवाद करती हूं।
एक दिन के लिए संकेतिक कलेक्टर बनी दिव्यांग सुदामा चक्रवर्ती
कटनी जिले के ढीमरखेड़ा दशमन की निवासी है, बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा सुदामा चक्रवर्ती ने बताया कि, मेरे परिवार में तीन भाई और दो बहनों में वह सबसे छोटी है. पिता छोटेलाल ने मजदूरी कर पालन पोषण किया है. मां सुम्मी बाई घर का काम करती है. पहली कक्षा में जब भाई के साथ प्रवेश लेने गई तो शिक्षक ने यह कहकर लौटा दिया कि, देख नहीं पाती तो पढ़ाई कैसे करेंगी, फिर भी सुदामा चक्रवर्ती ने पढ़ने की जिद नहीं छोड़ी. फिर अगले वर्ष स्कूल में प्रवेश लिया। सुदामा चक्रवर्ती शासकीय उच्चतर माध्यमिक महात्मा गांधी स्कूल से कक्षा बारहवीं पास कर, वर्तमान में श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय सिहोरा में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र हैं. उन्होंने जूड़ो का निरंतर प्रशिक्षण तरुण संस्कार संस्था से प्राप्त किया है, वे अपनी स्नातक की पढ़ाई के साथ, जूड़ो का निरंतर अभ्यास पड़वार स्टेडियम स्लीमनाबाद स्थिति प्रशिक्षण केंद्र में कर रही हैं।