वीतरागता के विना आत्मा का कल्याण संभव नहीं- आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा पहुंचे कुण्डलपुर
दमोह। विश्व प्रसिद्ध बड़े बाबा के दरबार मेंआयोजित हो रहे सदी के ऐतिहासिक कुण्डलपुर महामहोत्सव में ज्ञान कल्याणक उत्तर रूप के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं को दिव्य देशना प्रदान करते हुए संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि पंचकल्याणक की काफी मांग थी, स कब होगा यहां पंचकल्याणक, किंतु इसका अब मोक्षमार्ग होने जा रहा है, वीतरागी मृत्यु से नहीं डरता है उसको मुक्ति अथवा सुख भी वांछित नहीं है, आप में से कोई भी नहीं चाहता कि दुख हो जाए, किंतु जीता रहूंगा तो सब चलता रहेगा, आपके जीने के उद्देश्य मेरे जीने के उद्देश से काफी अलग हैं, आप जो नहीं चाहते वही सब कुछ मिलने वाला है, प्रभु के स्वरूप को समझ रहे हो लोग कह रहे हैं, पंडाल की ओर चले जाते तो खचाखच भरा हुआ है, बड़े बाबा के यहां तो चढ़के ऊपर जाना पड़ता है सड़क पर भी घुस-घुस करके जाना पड़ता है जहां देखो वहां कुंडलपुर में मनुष्यों की भीड़ नजर आ रही है। एक घंटा भी नहीं लगता था दमोह के स्टेशन से बड़े बाबा के मंदिर तक आने में आजकल 3 से 4 घंटे लग रहे हैं, लंगड़ा आने वाला व्यक्ति भी उससे जल्दी आ जाए किंतु गाड़ियों में बैठने वाला बहुत लेट आता है। कल मुख्यमंत्री महोदय ने कहा आचार्य श्री यह सब क्या हो रहा है मैंने कहा आप जो चाह रहे थे वही सब तो हो रहा है, कभी-कभी जनता चक्का जाम करती है तो कभी-कभी सरकार चक्का जाम कर देती है। इसी को बोलते हैं यह सब भावों का खेल है, कर्मों का खेल है इसलिए कहते हैं यूं ही जीना क्या जीना है। वे धन्य है जो इस रहस्य को समझ करके जिन्होंने इस पथ पर आगे कदम उठाए हैं इस शरीर का बंधन एक ऐसा बंधन है जिसको फेंकने से मिट नहीं सकते इसको जलाने से सब कुछ मिट जाए ऐसा नहीं है, कई बार जलाया, कई बार मिटाया, किंतु यह फिर उसी में प्रवेश कर जाता है,इसको पूरी तरह समाप्त करने के लिए शरीर के कार्बन को खत्म करना होगा वह वीतरागता के द्वारा ही संभव है, प्रत्येक व्यक्ति इस मार्ग के साथ जुड़ जाएं सबका कल्याण हो यही मात्र सद्भावना है।
पंचकल्याणक कुण्डलपुर महामहोत्सव में सातवें दिन 24 तीर्थंकर भगवान का ज्ञानकल्याणक महोत्सव मनाया गया। आध्यात्मिक प्रवचनों के साथ भगवान आहार के लिए निकले तथा समवशरण की मनोहारी रचना की गयी। जिसमें भगवान ने लोक कल्याण के लिए प्रथम धर्मोपदेश दिया, जिसे जैन धर्म में दिव्य ध्वनि का खिरना कहा गया है। 24 तीर्थंकर भगवान की दीक्षा के उपरांत मौन धारण कर तपस्या के लिए धर्म ध्यान में लीन हुए। तपस्या के उपरांत उन्होंने कर्मो का क्षय कर केवलक ज्ञान प्राप्त किया। तत्पश्चात मुनि अवस्था में स्वामी आहार के लिए निकले, सौधर्म इन्द्र ने यह अवधिज्ञान से यह जानकर इन्द्रों के साथ भगवान के दर्शन कर पूजन किया तथा कुबेर को समवशरण की रचना करने का आदेश दिया। समवशरण में ही विराजमान होकर केवलज्ञान की प्राप्ति के बाद प्रथम उपदेश होता है।
समवशरण की अलौकिक रचना में हुआ प्रथम उपदेश
जैन दर्शन की मान्यता के अनुसार कुबेर समवशरण की रचना करता है जिसमें भगवान के उपदेश सुनने के लिए बारह कोठे बनाये जाते है। जिसमें गणधर, मुनिराज, कल्पवासी देवियां, आर्यिकाएं एवं श्राविकाएं, ज्योतिषी, भवनवासी, व्यंतर, देव देवियां, चक्रवर्ती राजा एवं मनुष्य तथा पशु, पक्षी आकर भगवान की सर्वोपयोगी अर्द्धमागधी भाषा में लोक के जीवों के कल्याणार्थ धर्मोपदेश सुनते है। भगवान का मुख चतुर्मुख दिखाई देता है। इन सब प्रक्रियाओं का सांगोपांग चित्रण ज्ञानकल्याणक क्रियाओं के अंतर्गत प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय भैया ने हजारों श्रद्धालुओं के मध्य प्रस्तुत की।
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा पहुंचे कुण्डलपुर
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, राज्य सरकार के राजस्व एवं यातायात मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कारपोरेशन अध्यक्ष राहुल सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष प्रदुम्न सिंह, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार, युवा मोर्चा प्रदेश पूर्व अध्यक्ष अभिलाष पाण्डेय, जबेरा विधायक धर्मेन्द्र सिंह, सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र बजाज, भाजपा जिला अध्यक्ष एड प्रीतम सिंह, हरिशंकर चौधरी, अनुराग वर्धन, राघवेन्द्र सिंह परिहार, रामकली तंतुवाय, सुरेश पटेल,भरत यादव ने कुण्डलपुर महामहोत्सव मे पहुंचकर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आर्शीवाद प्राप्त किया और बड़े बाबा मंदिर पहुंच कर पूजन किया और छत्र चढ़ाया और सभी ने मंदिर निर्माण की जानकारी ली और निर्माण कार्य की सराहना की। इस अवसर पर कुण्डलपुर कमेटी उपाध्यक्ष देवेन्द्र सेठ, महामंत्री नवीन निराला, समन्वयक डॉ.सावन सिंघई, मीडिया प्रभारी महेन्द्र जैन की उपस्थित रहे।